 
                                            राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपनी उम्मीदवारी की चर्चा के जोर पकड़ने के बीच वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी ने कहा है कि कोई भी अपनी इच्छा से राष्ट्रपति नहीं बन सकता और इस मुद्दे पर पार्टी ही फैसला करेगी।
                                            
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                                                                                कोलकाता: 
                                        राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपनी उम्मीदवारी की चर्चा के जोर पकड़ने के बीच वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी ने कहा है कि कोई भी अपनी इच्छा से राष्ट्रपति नहीं बन सकता और इस मुद्दे पर पार्टी ही फैसला करेगी।
मुखर्जी ने कोलकाता में अपने आवास पर संवाददाताओं से कहा, यह फैसला पार्टी करती है। कोई अपनी इच्छा से राष्ट्रपति नहीं बन सकता। यूपीए सूत्रों ने शुक्रवार को कहा था कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी 15 जून के आसपास कोई फैसला करेंगी, शायद चुनाव आयोग द्वारा चुनाव अधिसूचना जारी होने के कुछ दिन बाद।
कांग्रेस अध्यक्ष के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल ने भी शुक्रवार को नार्थ ब्लॉक में मुखर्जी से मुलाकात की थी। सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस ने पहले ही सरकार के सहयोगी दलों डीएमके, एनसीपी और राष्ट्रीय लोकदल का और समाजवादी पार्टी जैसे दलों से बाहरी समर्थन हासिल कर चुकी है।
साथ ही बाहर से समर्थन देने वाली बीएसपी और सरकार की दूसरे सबसे बड़ी घटक तृणमूल कांग्रेस द्वारा यूपीए उम्मीदवार का विरोध किए जाने की संभावना नहीं है। पश्चिम बंगाल में अगले साल पंचायत चुनाव अकेले लड़ने के फैसले पर मुखर्जी ने कहा कि यह फैसला पश्चिम बंगाल की कांग्रेस इकाई को करना है। मुझे इस पर कोई टिप्पणी नहीं करनी है।
                                                                        
                                    
                                मुखर्जी ने कोलकाता में अपने आवास पर संवाददाताओं से कहा, यह फैसला पार्टी करती है। कोई अपनी इच्छा से राष्ट्रपति नहीं बन सकता। यूपीए सूत्रों ने शुक्रवार को कहा था कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी 15 जून के आसपास कोई फैसला करेंगी, शायद चुनाव आयोग द्वारा चुनाव अधिसूचना जारी होने के कुछ दिन बाद।
कांग्रेस अध्यक्ष के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल ने भी शुक्रवार को नार्थ ब्लॉक में मुखर्जी से मुलाकात की थी। सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस ने पहले ही सरकार के सहयोगी दलों डीएमके, एनसीपी और राष्ट्रीय लोकदल का और समाजवादी पार्टी जैसे दलों से बाहरी समर्थन हासिल कर चुकी है।
साथ ही बाहर से समर्थन देने वाली बीएसपी और सरकार की दूसरे सबसे बड़ी घटक तृणमूल कांग्रेस द्वारा यूपीए उम्मीदवार का विरोध किए जाने की संभावना नहीं है। पश्चिम बंगाल में अगले साल पंचायत चुनाव अकेले लड़ने के फैसले पर मुखर्जी ने कहा कि यह फैसला पश्चिम बंगाल की कांग्रेस इकाई को करना है। मुझे इस पर कोई टिप्पणी नहीं करनी है।
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