वित्त मंत्री ने लोगों से नोट बदलने में अनावश्यक जल्दबाजी नहीं करने की अपील की है.
नई दिल्ली:
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों को बदलने के मामले में लोगों को अनावश्यक जल्दबाजी करने या परेशान होने की जरूरत नहीं है. पुराने नोट बंद किए जाने वाले दिन लोगों की ओर से गोल्ड बेचने संबंधी प्रश्न के जवाब में वित्त मंत्री ने कहा कि जो गोल्ड बेचने वाले हैं, उनकी भी जिम्मेदारी है. पैन कार्ड जरूरी है. उनसे भी पूछा जाएगा कि गोल्ड किसको बेचा.
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जेटली ने गुरुवार को यहां मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि जल्दबाजी की जरा भी जरूरत नहीं है. लोगों के पास 30 दिसंबर का समय है. करीब डेढ़ माह की इस समयावधि में वे अपने नोट बैंक या डाकघर जाकर बदल सकते हैं. जनता को कुछ दिनों के लिए समस्या का सामना करना पड़ सकता है लेकिन लंबे समय में उन्हें इसका फायदा ही होगा.जेटली ने आम लोगों को बेफिक्र करते हुए कहा कि उन्हें डरने की जरूरत नहीं है और वे लोग जिनके पास बेशुमार मात्रा में अघोषित धन है, सिर्फ उन्हें ही कानून का सामना करना पड़ेगा.
पुराने नोट वापस लेने के फैसले पर बंगाल की सीएम ममता बनर्जी की प्रतिक्रिया पर जेटली ने कहा कि जब काला धन फल-फूल रहा हो तो कड़े कदम उठाने के कारण अस्थायी परेशानियों का बहाना नहीं बनाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि बैंक जाने को लेकर अनावश्यक जल्दबाजी की भी जरूरत नहीं है. आरबीआई ने शनिवार-रविवार को भी बैंक खुले रखने के लिए कदम उठाए है. हम यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं कि नए नोट लोगों को जल्द से जल्द उपलब्ध जाएं.
वित्त मंत्री ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था के मामलों से जुड़ी निर्णय प्रक्रिया की विश्वसनीयता बहाल करना हमारे लिए शुरुआती चुनौती थी. मौजूदा वैश्विक हालात का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सालों में जो मेरा अनुभव रहा वह यह कि विपरीत वैश्विक हालात में काम करना हमारे लिए बड़ी चुनौती है.
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पुराने नोट वापस लेने के फैसले पर बंगाल की सीएम ममता बनर्जी की प्रतिक्रिया पर जेटली ने कहा कि जब काला धन फल-फूल रहा हो तो कड़े कदम उठाने के कारण अस्थायी परेशानियों का बहाना नहीं बनाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि बैंक जाने को लेकर अनावश्यक जल्दबाजी की भी जरूरत नहीं है. आरबीआई ने शनिवार-रविवार को भी बैंक खुले रखने के लिए कदम उठाए है. हम यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं कि नए नोट लोगों को जल्द से जल्द उपलब्ध जाएं.
वित्त मंत्री ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था के मामलों से जुड़ी निर्णय प्रक्रिया की विश्वसनीयता बहाल करना हमारे लिए शुरुआती चुनौती थी. मौजूदा वैश्विक हालात का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सालों में जो मेरा अनुभव रहा वह यह कि विपरीत वैश्विक हालात में काम करना हमारे लिए बड़ी चुनौती है.
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