गुजरात के गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने दिवाली के मद्देनजर शुक्रवार को ये घोषणा की कि 21 से 27 अक्टूबर तक राज्य में यातायात नियमों के उल्लंघन के लिए कोई जुर्माना नहीं लगाया जाएगा. उन्होंने कहा कि यह मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल द्वारा "एक और जन-समर्थक निर्णय" है. ध्यान देने वाली बात है कि सराकर का ये फैसला उस वक्त आया है जब साल के अंत में राज्य में चुनाव होना है. चुनाव से पहले सरकार के इस कदम को राज्य पर अपनी दशकों की पकड़ बनाए रखने की एक पहल के तौर पर देखा जा रहा है.
गुजराती में घोषणा के साथ ट्वीट किए गए एक वीडियो में मंत्री ने कहा, "कानून तोड़ने के लिए फैसले का इस्तेमाल न करें. अगर कोई नियम तोड़ता है, तो गुजरात पुलिस उन्हें फूल देकर जागरूक करेगी." उन्होंने ट्वीट किया, "दिवाली रोशनी का त्योहार है और रंगोली के रंगों, ढेर सारी मिठाइयों और दीपों और पटाखों के उत्साह के साथ आता है."
ભારતીય સંસ્કૃતિનો સૌથી મોટો ઉજાસ ઉત્સવ એટલે દિવાળી. રંગોળીઓના રંગ, મિષ્ટાનોની ભરમાર અને દીવા તેમજ ફટાકડાનો ઉમંગ લઈને આ તહેવાર આવે છે. આ તહેવાર નિમિત્તે મૃદુ અને મક્કમ ગુજરાત સરકારના મુખ્ય મંત્રી શ્રી @Bhupendrapbjp જી નો વધુ એક પ્રજાલક્ષી નિર્ણય pic.twitter.com/V1omwopeWV
— Harsh Sanghavi (@sanghaviharsh) October 21, 2022
सांघवी ने कहा, "इस अवसर पर भूपेंद्र पटेल का यह एक और जनहितैषी निर्णय है." प्रतिक्रिया में, ट्विटर पर कई लोगों ने इस कदम का स्वागत किया. यह कहते हुए कि यह लोगों को स्वेच्छा से नियमों का पालन करने के लिए प्रोत्साहित करेगा. हालांकि, ऐसे कई लोग थे जिन्होंने कहा कि इससे शहरों में यातायात की गड़बड़ी और खराब हो जाएगी.
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