राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बाद अब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भी कहा है कि मुख्यमंत्री पद का फैसला विधायकों से राय ले कर चुनाव के बाद पार्टी आलाकमान करेगा जो सबको स्वीकार होगा. डोटासरा ने मुख्यमंत्री पद के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि हमारी पार्टी का पहले से एक स्पष्ट रुख है. हम पहले से कभी मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित नहीं करते, जो विधायक जीतेंगे, पार्टी आलाकमान उनसे राय लेकर फैसला करेगा, जो सबको स्वीकार होगा. हम वह फैसला मानेंगे, पहले भी मानते आए हैं.
कोई मतभेद नहीं, मिलकर लड़ेंगे चुनाव...
डोटासरा ने यह भी दावा किया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ लोगों की नाराजगी नहीं है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का चेहरा कर्नाटक एवं हिमाचल प्रदेश के बाद राजस्थान में भी नाकाम होगा. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबी माने जाने वाले डोटासरा ने गहलोत और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच के मतभेदों से जुड़े सवाल पर कहा कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख नेताओं के बीच कोई कभी मनभेद नहीं रहा है तथा सभी एकजुट होकर चुनाव लड़ रहे हैं.
डोटासरा ने कहा, "हमारे बीच कभी मनभेद नहीं रहे. सभी एकजुट होकर चुनाव लड़ रहे हैं और इस चुनाव में हम जीतेंगे." पूर्व मंत्री डोटासरा सीकर जिले की लक्ष्मणगढ़ विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं, जहां से वह पिछले तीन बार लगातार निर्वाचित हुए हैं. उन्होंने कहा, "राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने बहुत अच्छा काम किया है और उसके खिलाफ कोई माहौल, कोई नाराजगी नहीं है. पहले महंगाई राहत कैम्प में जो 10 गारंटी दी गई थीं, वह प्रभावी हैं. फिर सात गारंटी और दी गईं जो जनता को आकर्षित कर रही हैं."
17 गारंटी कांग्रेस ही दे सकती है, क्योंकि...
उन्होंने दावा किया कि जनता समझ रही है कि 17 गारंटी कांग्रेस ही दे सकती है, क्योंकि भाजपा के पास न कोई दृष्टिकोण है, न कोई गारंटी है. राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष ने यह आरोप भी लगाया कि भाजपा केंद्र के अपने 10 साल के शासन के बारे में ऐसा कोई काम नहीं बता पा रही है जिससे जनता उसे वोट दे. डोटासरा के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी राजस्थान विधानसभा चुनाव में कोई 'फैक्टर' नहीं हैं. उन्होंने दावा किया, "प्रधानमंत्री राजस्थान में जितना आ रहे हैं, उतना ही भाजपा के प्रति लोगों में विरोध बढ़ रहा है. इस चुनाव में निश्चित रूप से कांग्रेस को बढ़त है. मोदी जी का चेहरा कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश में विफल हो चुका है, अब राजस्थान में भी यही होगा." उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा का बार-बार राजस्थान आना इस बात का प्रमाण है कि उनका स्थानीय नेतृत्व खत्म हो चुका है और उस पर इन्हें भरोसा भी नहीं है.
कांग्रेस सरकार के खिलाफ विमर्श गढ़ने का एक षड्यंत्र
डोटासरा ने उनके और कुछ अन्य कांग्रेस नेताओं के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों को राजस्थान की कांग्रेस सरकार के खिलाफ विमर्श गढ़ने का एक षड्यंत्र करार दिया. उन्होंने कहा, "ईडी, आयकर विभाग और सीबीआई भाजपा के चुनाव लड़ने के हथियार बन गए हैं. मेरे पूरे आवास की तलाशी ली गई, लेकिन इन्हें कुछ नहीं मिला. यह केवल एक षड्यंत्र है, ताकि विमर्श गढ़ा जा सके कि राजस्थान सरकार भ्रष्टाचार में लिप्त है."
भ्रष्टाचार एवं पेपर लीक की बात सिर्फ जुमले
कांग्रेस नेता ने कहा, "हमने लोगों की सेवा की है और महंगाई राहत कैम्प लगाए हैं जिससे लोगों ने तय कर लिया है कि कांग्रेस को एक बार फिर सत्ता में लाएंगे." डोटासरा ने दावा किया कि भ्रष्टाचार एवं पेपर लीक की बात सिर्फ जुमले हैं और जनता यह समझती है. उन्होंने कहा, "भाजपा के लोग पेपर लीक को लेकर बात कर रहे हैं. ऐसा कौन सा राज्य है जहां पेपर लीक नहीं हुआ? हमारी सरकार ने तो 200 लोगों को जेल में डाला है, कड़ा कानून बनाया है और उम्रकैद की सजा तक की बात की है."
डोटासरा ने उम्मीद जताई कि वह लक्ष्मणगढ़ विधानसभा क्षेत्र से पिछली बार के मुकाबले ज्यादा वोटों से चुनाव जीतेंगे. वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में वह लगभग 22,000 मतों के अंतर से जीते थे. राजस्थान की 200 विधानसभा सीटों के लिए 25 नवंबर को मतदान होना है। मतगणना तीन दिसंबर को होगी.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं