नीतीश कुमार का विपक्षी नेताओं से मुलाकात का सिलसिला जारी, BJP ने बताया 'भ्रष्टाचार बचाओ आंदोलन'

बीजेपी ने कहा कि नीतीश जी की राजनीतिक मज़बूरी तो हम समझते ही हैं, लेकिन अरविंद केजरीवाल देश को बताएं कि उनकी ऐसी कौन सी राजनीतिक विवशता है, जिसके चलते वो लालू यादव, राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के साथ गठबंधन कर रहे हैं?

नीतीश कुमार का विपक्षी नेताओं से मुलाकात का सिलसिला जारी, BJP ने बताया 'भ्रष्टाचार बचाओ आंदोलन'

नीतीश कुमार दिल्ली में विपक्षी नेताओं को एकजुट करने में लगे हैं.

नई दिल्ली:

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इन दिनों दिल्ली दौरे पर हैं. वो लगातार विपक्ष के नेताओं से मिलकर लोकसभा चुनाव से पहले उन्हें एकजुट करने में लगे हैं. बुधवार दोपहर को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी से मुलाकात के बाद शाम को उन्होंने आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से भी मुलाकात की. वहीं गुरुवार को वाम दलों के नेता डी राजा और सीताराम येचुरी नीतीश कुमार से मिलने पहुंचे. इन मुलाकातों पर बीजेपी ने नीतीश कुमार और अरविंद केजरीवाल सहित विपक्षी दलों पर निशाना साधा है.

बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि अरविंद केजरीवाल भारतीय राजनीति के नटवरलाल हैं. अन्ना हजारे को अपना गुरु मानने वाले आज लालू, राहुल और तेजस्वी के अनुयायी बन गए हैं. वहीं नीतीश कुमार पर हमला करते हुए शहजाद ने कहा कि एक ऐसा व्यक्ति जिसकी खुद की पार्टी यूनाइटेड नहीं है और उनके साथ एक और ऐसे व्यक्ति जो अपने राज्य में तीसरे नंबर पर आ चुके हैं, वो दोनों मिलकर राष्ट्रीय स्तर पर एकता की बात कर रहे थे.

बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि इनकी हकीकत 'भ्रष्टाचार बचाओ आंदोलन' की है. क्या आपने लालू यादव परिवार को 'कट्टर ईमानदार' की डिग्री थमा दी है? नीतीश जी की राजनीतिक मज़बूरी तो हम समझते ही हैं लेकिन अरविंद केजरीवाल देश को बताएं कि उनकी ऐसी कौन सी राजनीतिक विवशता है, जिसके चलते वो लालू यादव, राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के साथ गठबंधन कर रहे हैं?

इससे पहले सीपीआई के महासचिव डी राजा नीतीश कुमार से मिलने पहुंचे‌. मुलाकात के बाद डी राजा ने कहा कि नीतीश कुमार जो धर्मनिरपेक्ष दलों को जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं. हम उसका समर्थन देने के लिए आए हैं. यह उनका बहुत ही अच्छा प्रयास है. हमारी कोशिश है कि किसी भी तरह आने वाले 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को हटाया जाए. 2024 में कौन लीडर होगा? किसकी अगुवाई में चुनाव लड़ा जाएगा? यह फिलहाल मुद्दा नहीं है. जब इसके बाद सारी पार्टी एक साथ मिलकर बैठेंगे, उसके बाद तय कर लिया जाएगा.

वहीं सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी ने भी बिहार के मुख्यमंत्री से मुलाकात की. उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी और वामपंथी पार्टी की हमेशा से रुझान रही है कि जितनी भी जनवादी पार्टियां हैं, सबको इकट्ठा होने की जरूरत है. आज देश को संविधान को लोकतंत्र को बचाना है, इसके लिए 2024 के चुनाव में बीजेपी को हराना है. बाकी पार्टियों से भी बातचीत हो रही है और अब यह प्रोसेस काफी तेजी पकड़ रहा है और यह आगे बढ़ेगा.

सीताराम येचुरी ने कहा कि समय आएगा तो किसकी क्या भूमिका होगी, इस पर चर्चा होगी. यह तय कर लिया जाएगा. फिलहाल सबकी कोशिश यही है कि कितने और लोगों को अपने साथ जोड़ा जाए. बहुत सारे मुद्दे रहेंगे, इतनी सारी पार्टियां हैं, लेकिन मूवमेंट हम आगे बढ़ रहे हैं.

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सीपीएम महासचिव ने कहा कि हर राज्य पर अलग-अलग समझौता होगा, रणनीति उसी हिसाब से बनेगी. केरल में हमारा कांग्रेस के साथ मुकाबला है, वहां बीजेपी एक भी सीट नहीं जीत सकती है. सीट का एडजस्टमेंट स्टेट लेवल पर होगा, हर जगह की अलग परिस्थितियां रहती है. जितनी सारी धर्म निरपेक्ष पार्टियां हैं, सबका उद्देश्य एक ही है बीजेपी को हराना है.