दिल्ली की एक अदालत ने भाजपा नेता नितिन गडकरी द्वारा दायर एक शिकायत पर आज आम आदमी पार्टी के नेता अरविन्द केजरीवाल पर मानहानि के आरोपों में मुकदमा चलाने का निर्णय किया।
मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट गोमती मनोचा ने सीआरपीसी की धारा 251 के तहत केजरीवाल के खिलाफ नोटिस तैयार किया और गडकरी तथा उनके गवाहों की गवाही दर्ज करने के लिए 2 अगस्त की तारीख निर्धारित की।
सौहार्दपूर्ण समाधान निकालने की मजिस्ट्रेट की सलाह पर ध्यान देने से दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के इनकार के बाद अदालत ने आरोप तय किए।
मजिस्ट्रेट ने केजरीवाल और केंद्रीय मंत्री गडकरी से मामले का सौहार्दपूर्ण समाधान निकालने को कहा था। भाजपा नेता ने कहा था कि यदि आप नेता अपना कथित मानहानिकारक बयान वापस ले लेते हैं तो वह शिकायत वापस लेने को तैयार हैं।
मजिस्ट्रेट ने आदेश में कहा, 30 जनवरी 2014 को आपने शिकायतकर्ता नितिन गडकरी के खिलाफ मीडिया में आरोप लगाए थे। बयान दिए थे कि वह भ्रष्ट राजनीतिक नेता हैं और लोगों को देखना चाहिए कि क्या उन्हें वोट देना चाहिए..। अदालत ने व्यक्तिगत पेशी से छूट दिए जाने का केजरीवाल का आवेदन स्वीकार कर लिया।
केजरीवाल ने अदालत द्वारा नोटिस तैयार किए जाने के बाद गुनाह कबूल नहीं किया और मुकदमे के लिए कहा। अदालत ने सुबह के सत्र में आज केजरीवाल को सलाह दी थी कि वे गडकरी के साथ सुलह सफाई कर मामले का सौहार्दपूर्ण समाधान निकाल लें।
मेट्रोपालिटन मजिस्ट्रेट गोमती मनोचा ने कहा, आप अदालत के समक्ष हाथ क्यों नहीं मिला लेते और मामले को सौहार्दपूर्ण तरीके से समाप्त करते हैं? आप सुलह-सफाई क्यों नहीं करते और समय को सार्थक चीजों में लगाते? अदालत ने कहा, आप दोनों जाने-माने राजनीतिक नेता हैं। लोग आपसे उम्मीद रखते हैं। भाजपा नेता गडकरी ने कहा कि ईमानदारी उनकी राजनीतिक शक्ति है और उनकी प्रतिष्ठा उनकी पूंजी है।
गडकरी ने कहा, मैं एक ईमानदार राजनीतिक नेता हूं और केजरीवाल द्वारा मेरे खिलाफ लगाए गए मानहानिकारक आरोपों से मेरी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा है। मेरी केजरीवाल से कोई निजी दुश्मनी नहीं है। भाजपा नेता ने अदालत से यह भी कहा कि यदि आम आदमी पार्टी के नेता अरविन्द केजरीवाल अपना बयान वापस ले लेते हैं तो वह मुद्दे के समाधान के लिए तैयार हैं।
उन्होंने कहा, मैं कानूनी लड़ाई लड़ने को तैयार हूं। मेरे खिलाफ जांच होने दीजिए और आरोपों को लोगों के बीच साबित होने दीजिए। केजरीवाल ने गडकरी के खिलाफ अपने बयान और आरोपों को वापस लेने से इनकार कर दिया।
उन्होंने कहा, मैं अपने बयान और आरोपों को वापस नहीं ले सकता। मेरे पास सभी आरोपों के दस्तावेजी सबूत हैं। अदालत ने 27 मई को केजरीवाल को जेल से तब रिहा कर दिया था जब उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट की सलाह पर निजी मुचलका भर दिया था।
पूर्व में केजरीवाल को अदालत ने मानहानि के मामले में आरोपी के रूप में तलब किया था। गडकरी ने आरोप लगाया था कि आप नेता ने उनकी मानहानि की है, जिन्होंने पार्टी की ‘भारत के सबसे भ्रष्ट’ लोगों की सूची में उनका नाम शामिल किया था।
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