संसद भवन में आज राजनीति की एक बेहद सुखद और दिलचस्प तस्वीर देखने को मिली. कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से उनके ऑफिस में मुलाकात की. इस मुलाकात के दौरान न केवल विकास कार्यों पर चर्चा हुई, बल्कि हंसी-मजाक का दौर भी चला, जिसने माहौल को काफी हल्का-फुल्का बना दिया.
गडकरी का जवाब- "भाई का किया, बहन का नहीं करूंगा तो..."
प्रियंका गांधी अपने संसदीय क्षेत्र वायनाड (केरल) की सड़क समस्याओं और कनेक्टिविटी को लेकर गडकरी से मिलने पहुंची थीं. उन्होंने मंत्री के सामने छह प्रमुख सड़क परियोजनाओं का प्रस्ताव रखा और क्षेत्र की जनता को होने वाली समस्याओं से अवगत कराया. बातचीत के दौरान नितिन गडकरी ने अपने चिर-परिचित मजाकिया अंदाज में कहा, "इससे पहले राहुल गांधी से भी अमेठी की सड़कों के बारे में चर्चा हुई थी. राहुल जी का काम किया, अब आपका नहीं करूंगा तो लोग बोलेंगे कि भाई का काम किया और बहन का नहीं." गडकरी की इस बात पर प्रियंका गांधी और उनके साथ आए प्रतिनिधिमंडल के सदस्य ठहाके लगाकर हंस पड़े. यह क्षण संसद की गहमागहमी के बीच पक्ष-विपक्ष के बीच एक स्वस्थ संवाद की मिसाल बन गया.

"जब हमारी सरकार आएगी तो देख लेंगे..." ऐसा क्यों बोलीं प्रियंका
नितिन गडकरी ने प्रियंका गांधी को स्पष्ट किया कि उनके द्वारा लाई गई छह परियोजनाओं में से कुछ राज्य सरकार के अधीन आती हैं, इसलिए केंद्र उन पर सीधा निर्णय नहीं ले सकता. हालांकि, उन्होंने केंद्र के अधीन आने वाली अन्य परियोजनाओं पर सकारात्मक आश्वासन दिया. जब गडकरी ने राज्य सरकार के मामलों का जिक्र किया, तो प्रियंका गांधी ने भी बड़े आत्मविश्वास के साथ जवाब दिया. उन्होंने कहा कि अगर ये मामले राज्य सरकार के हैं तो कोई बात नहीं, "जब राज्य (केरल) में हमारी सरकार आएगी, तब हम इसे देख लेंगे."

गडकरी ने खिलाई डिश, नाम किसी को याद नहीं
इस दौरान, केंद्रीय मंत्री गडकरी ने प्रियंका को बिना खाए न जाने का आग्रह किया. दरअसल, गडकरी ने आज यूट्यूब से खुद ही देख कर चावल की एक लजीज डिश बनवाई थी. उन्होंने प्रियंका से खासतौर से इसे खाने पर जोर दिया. गडकरी के कक्ष में आने वाले सभी सांसदों को आज यह डिश सर्व की गई थी. मजे की बात यह है कि इस डिश का नाम किसी को याद ही नहीं रहा.
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