नई दिल्ली:
चुनाव आयोग ने विधानसभा चुनाव का सामना करने जा रहे पांच राज्यों में उसकी इजाजत के बगैर ग्राम सभा की बैठकें कराने को लेकर आनीति आयोग की खिंचाई की और कहा कि चुनाव संपन्न होने के बाद ही ऐसे कार्यक्रम आयोजित किए जा सकते हैं.
नीति आयोग के उपाध्यक्ष को लिखे एक पत्र में आयोग ने कहा कि नीति आयोग नागरिकों की प्राथमिकताएं तय करने के लिए 26 जनवरी को गोवा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मणिपुर और पंजाब सहित देशभर में ग्राम सभा की बैठकें करा रहा है. लेकिन चुनाव आचार संहिता के तहत चुनाव आयोग से इसकी मंजूरी नहीं ली गई. इन पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं.
आयोग ने कहा कि जिलाधिकारियों को पत्र भेजने से पहले नीति आयोग को चुनाव आचार संहिता के मद्देनजर चुनाव आयोग की पहले मंजूरी लेनी चाहिए थी. ये अधिकारी जिला चुनाव अधिकारी भी हैं।
इसने यह स्पष्ट कर दिया कि इन राज्यों में गणतंत्र दिवस पर ये कार्यक्रम नहीं होने चाहिए और चुनाव संपन्न होने के बाद ही ये आयोजित होने चाहिए. यह मुद्दा गोवा के मुख्य चुनाव अधिकारी ने उठाया था.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
नीति आयोग के उपाध्यक्ष को लिखे एक पत्र में आयोग ने कहा कि नीति आयोग नागरिकों की प्राथमिकताएं तय करने के लिए 26 जनवरी को गोवा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मणिपुर और पंजाब सहित देशभर में ग्राम सभा की बैठकें करा रहा है. लेकिन चुनाव आचार संहिता के तहत चुनाव आयोग से इसकी मंजूरी नहीं ली गई. इन पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं.
आयोग ने कहा कि जिलाधिकारियों को पत्र भेजने से पहले नीति आयोग को चुनाव आचार संहिता के मद्देनजर चुनाव आयोग की पहले मंजूरी लेनी चाहिए थी. ये अधिकारी जिला चुनाव अधिकारी भी हैं।
इसने यह स्पष्ट कर दिया कि इन राज्यों में गणतंत्र दिवस पर ये कार्यक्रम नहीं होने चाहिए और चुनाव संपन्न होने के बाद ही ये आयोजित होने चाहिए. यह मुद्दा गोवा के मुख्य चुनाव अधिकारी ने उठाया था.
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