निर्भया मामले के दोषी पवन को सुप्रीम कोर्ट की ओर से गुरुवार को झटका लगा है. उसकी फांसी से एक दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ने पवन की क्यूरेटिव याचिका खारिज कर दी. दोषी पवन ने नाबालिग होने के मामले में सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव याचिका दाखिल की थी. हालांकि, इससे पहले निर्भया के दोषी पवन ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल कर अपराध के समय उसके नाबालिग होने की दलील ठुकराने के आदेश को चुनौती दी थी जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था.
सुप्रीम कोर्ट में 6 जजों ने चेंबर में विचार कर लिया पवन की याचिका खारिज करने का फैसला किया. कोर्ट ने कहा कि याचिका में मामले को खोलने के लिए कोई केस नहीं बनता. खुली अदालत में सुनवाई की मांग भी ठुकराई. जस्टिस एन वी रमना, जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस आर एफ नरीमन, जस्टिस आर बानुमति, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस ए एस बोपन्ना की पीठ ने यह फैसला दिया है.
वहीं, निर्भया मामले के दोषी मुकेश ने फांसी से एक दिन पहले नई चाल चली है. उसने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर फांसी पर रोक की मांग की है. मुकेश ने अपनी अर्जी में मांग की है कि फांसी से पहले उसे किसी भी कोर्ट में याचिका दाखिल करने की इजाजत दी जाए. मुकेश ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा कि उसके साथ निष्पक्ष न्याय नहीं हुआ. साथ ही कहा है कि घटना के वक्त वो दिल्ली में मौजूद नहीं था बल्कि राजस्थान में था. मुकेश ने अपनी याचिका में डीएनए और आयरन रॉड दोनों ही थ्योरी पर सवाल उठाया. साथ ही कहा कि इस मामले के दस्तावेज़, रिकॉर्ड और रिपोर्ट सीबीआई से जांच कराई जाए और कोर्ट उन्हें मंगाये.
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