साल 2012 के निर्भया बलात्कार मामले में दिल्ली सरकार ने एक अपराधी की दया याचिका खारिज करने की अनुशंसा की है. विनय शर्मा नाम के अपराधी ने दया याचिका दायर की थी जिस पर दिल्ली के गृह मंत्री सत्येंद्र जैन ने फ़ाइल नोटिंग की और लिखा, 'यह बेहद जघन्य अपराध है जिसमें याचिकाकर्ता ने बहुत दरिन्दगी की. यह वह केस है जिसमें एक बेहद सख्त सजा देना जरूरी है जिससे दूसरे लोग ऐसा अपराध करने से डरें. याचिका में मेरिट नहीं है. खारिज करने की सिफ़ारिश करता हूं.' दिसंबर 2012 में हुए निर्भया रेप मामले में कुल 6 आरोपी थे. जिसमें से एक नाबालिग था और 18 साल की उम्र पूरी करने पर उसको छोड़ा जा चुका है. राम सिंह नाम के अपराधी ने तिहाड़ जेल में खुद को फांसी लगा ली थी.
फिलहाल चार अपराधी फांसी की सजा पाने के बाद हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में अपील कर चुके हैं और वह अपील खारिज हो चुकी हैं. चार अपराधियों में से एक विनय शर्मा ने 4 नवंबर को राष्ट्रपति के पास दया याचिका दायर की थी जो केंद्रीय गृह मंत्रालय के जरिए दिल्ली के उपराज्यपाल और दिल्ली सरकार के पास आई. दिल्ली सरकार ने याचिका खारिज करने की सिफारिश कर दी है. जिसके बाद अब यह उपराज्यपाल के जरिए गृह मंत्रालय होते राष्ट्रपति के पास जाएगी.
हाल ही में निर्भया की माताजी ने अदालत से अपील की थी कि उनकी बेटी के गुनाहगारों को जल्द से जल्द फांसी दी जाए. जिस पर तिहाड़ जेल ने अदालत को बताया था कि 4 नवंबर को एक अपराधी ने राष्ट्रपति के पास दया याचिका दायर की है जो फिलहाल लंबित है.
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