
भारत के दिग्गज निवेशक रमेश दमानी और मनीष चोखानी ने मुंबई में एनडीटीवी प्रॉफिट के कार्यक्रम के दौरान अगली पीढ़ी के लिए निवेश के महत्वपूर्ण मंत्र साझा किए. दमानी ने अपने प्रवेश काल (80 के दशक) को उदारीकरण और तकनीकी उछाल के कारण "स्वर्णिम चरण" बताया. लेकिन अब उनका मानना है कि ट्रंप की नीतियों के कारण दुनिया बदल रही है, जिसके लिए निवेशकों को नई और अलग रणनीति अपनाने की जरूरत है. हालांकि, युवा निवेशकों को निराश होने की जरूरत नहीं है.
दमानी के अनुसार, भारत में निवेश के लिए सबसे अच्छा दशक "अगला दशक" है, क्योंकि देश में विकास के अपार अवसर मौजूद हैं. मनीष चोखानी ने भी इस बात पर जोर दिया कि भारत में जन्म लेना एक "वरदान" जैसा है. उन्होंने तर्क दिया कि यूरोप या जापान जैसे विकसित देशों में, विकास के सबसे अच्छे साल बीत चुके हैं, जबकि भारत में, "बुरे से अच्छे की ओर" परिवर्तन की दर इतनी शानदार है कि यह यहां के युवा निवेशकों के लिए बेहतरीन मौके पैदा करती है.
दोनों दिग्गजों ने युवा निवेशकों को सलाह दी कि वे जल्दी पैसा बनाने के चक्कर में खुद को बर्बाद न करें, डेरिवेटिव्स जैसे जोखिम से बचें, सही व्यवसाय और सही लीडर को ढूंढें और लंबी अवधि के लिए चुपचाप निवेशित रहें.
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