किसानों के प्रदर्शन (Farmers Protest) को लेकर पंजाब और हरियाणा के मुख्यमंत्रियों के बीच जारी खींचतान ने रविवार को एक नया मोड़ ले लिया जब कैप्टन अमरिंदर सिंह (Amrinder Singh) और मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal Khattar) ने अपने विवाद का रुख इस सवाल की ओर मोड़ दिया कि किसने किसे फोन किया और कब और कहां.
खट्टर के निजी सचिव ने ट्विटर पर एक डॉक्यूमेंट साझा करते हुए दावा किया कि मुख्यमंत्री कार्यालय ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को सोमवार और मंगलवार के बीच कम से कम 13 बार फोन किया, लेकिन उधर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली. हालांकि, अमरिंदर सिंह ने खट्टर के उन आरोपों को खारिज किया कि बार-बार प्रयास के बावजूद उन्होंने हरियाणा के मुख्यमंत्री से बातचीत नहीं की.
सिंह ने कहा कि वह खट्टर से तब तक बात नहीं करेंगे, जब तक वह दिल्ली कूच कर रहे किसानों पर हुई ''बर्बरता'' के लिए माफी नहीं मांग लेते.
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कैप्टन सिंह ने कहा, 'अगर उनके दफ्तर से किसी ने मेरे आवास पर फोन भी किया तो किसी अटेंडेंट को फोन क्यों किया गया? मुझसे संपर्क करने के लिए औपचारिक चैनल का प्रयोग क्यों नहीं किया गया?'
उन्होंने कहा, 'मुख्य सचिव और डीजीपी स्तर के पंजाब सरकार के शीर्ष अधिकारी पिछले कई दिनों से किसानों के मुद्दे पर एक दूसरे से संपर्क में हैं, फिर भी इनमें से किसी भी अधिकारी ने कभी भी खट्टर की मुझसे बात करने की इच्छा की जानकारी नहीं दी.' साथ ही उन्होंने कहा, 'खट्टर सीधे मेरे मोबाइल पर फोन कर सकते थे.'
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अमरिंदर सिंह की प्रतिक्रिया मनोहर लाल खट्टर के निजी सचिव अभिमन्यु सिंह के ट्विटर पर उन्हें जवाब देने के बाद आई जिसमें उन्होंने लिखा था, 'सर, ऐसा मालूम होता है कि आपके निजी कर्मचारियों ने आधिकारिक क्षमता में किए गए अन्य मुख्यमंत्रियों के फोन कॉल के बारे में आपको नहीं बताया.'
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने रविवार को कहा कि दिल्ली से लगती सीमाओं पर किसानों के जमा होने से अगर राज्य में कोविड-19 की स्थिति बिगड़ती है तो वह पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को जिम्मेदार ठहराएंगे. खट्टर ने कहा कि “दिल्ली चलो'' मार्च को लेकर उन्होंने पंजाब के अपने समकक्ष से कई बार फोन पर बात करने की कोशिश की लेकिन बातचीत नहीं हो सकी. बाद में जब मैंने उन्हें प्रमाण दिखाया तो वो चुप हो गए.
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किसानों के प्रदर्शन को लेकर दोनों मुख्यमंत्रियों के बीच पिछले कई दिनों से वाक्युद्ध जारी है. एक ओर जहां कैप्टन अमरिंदर सिंह ने खट्टर पर आरोप लगाया है कि उन्होंने हरियाणा से होते हुए दिल्ली जा रहे पंजाब के किसानों पर अत्याचार किया तो वहीं दूसरी ओर हरियाणा के मुख्यमंत्री ने यह कहते हुए पलटवार किया कि प्रदर्शनकारियों को उकसाया गया था.
उत्तर प्रदेश, हरियाणा, उत्तराखंड, राजस्थान और पंजाब समेत कई राज्यों से किसानों ने केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ इस हफ्ते दिल्ली के लिए मार्च करना शुरू किया था. किसानों को डर है कि नए कृषि कानून उन्हें कॉर्पोरेट्स की दया पर छोड़ देंगे.
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