नई दिल्ली:
शादी के बाद खरीदी गई पति की संपत्ति में महिला को हिस्सा सुनिश्चित करने वाले एक विधेयक को केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला किया गया। पति की संपत्ति में अधिकार देने के अलावा विवाह कानून (संशोधन) विधेयक 2010 का उद्देश्य गोद लिए हुए बच्चों को भी मां-बाप से जन्मे बच्चों के समान अधिकार दिलाना है।
इससे पूर्व दो साल पहले राज्यसभा में यह विधेयक पेश किया गया था। फिर इसे कानून एवं कार्मिक संबंधी संसद की स्थायी समिति के पास भेजा गया।
स्थायी समिति की सिफारिशों के आधार पर विधेयक का मसौदा फिर से तैयार किया गया और कैबिनेट द्वारा मंजूर यह विधेयक पति पत्नी का तलाक होने की स्थिति में गोद लिए बच्चों को भी मां-बाप से जन्मे बच्चों के समान अधिकार का प्रावधान करता है।
सरकार ने संसदीय समिति की इस सिफारिश को भी हालांकि मान लिया है कि तलाक की स्थिति में पत्नी का पति की संपत्ति में अधिकार होगा लेकिन कितना हिस्सा मिलेगा, यह मामले दर मामले आधार पर अदालतें तय करेंगी।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला किया गया। पति की संपत्ति में अधिकार देने के अलावा विवाह कानून (संशोधन) विधेयक 2010 का उद्देश्य गोद लिए हुए बच्चों को भी मां-बाप से जन्मे बच्चों के समान अधिकार दिलाना है।
इससे पूर्व दो साल पहले राज्यसभा में यह विधेयक पेश किया गया था। फिर इसे कानून एवं कार्मिक संबंधी संसद की स्थायी समिति के पास भेजा गया।
स्थायी समिति की सिफारिशों के आधार पर विधेयक का मसौदा फिर से तैयार किया गया और कैबिनेट द्वारा मंजूर यह विधेयक पति पत्नी का तलाक होने की स्थिति में गोद लिए बच्चों को भी मां-बाप से जन्मे बच्चों के समान अधिकार का प्रावधान करता है।
सरकार ने संसदीय समिति की इस सिफारिश को भी हालांकि मान लिया है कि तलाक की स्थिति में पत्नी का पति की संपत्ति में अधिकार होगा लेकिन कितना हिस्सा मिलेगा, यह मामले दर मामले आधार पर अदालतें तय करेंगी।