नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के नेता फारूक अब्दुल्ला ने मंगलवार को कहा कि भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू अनुच्छेद 370 के लिए जिम्मेदार नहीं हैं. अब्दुल्ला ने अनुच्छेद 370 निरस्त करने के केंद्र के फैसले को उच्चतम न्यायालय द्वारा बरकरार रखने जाने पर निराशा जताते हुए यह कहा. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा संसद में, कश्मीर समस्या के लिए नेहरू को जिम्मेदार ठहराये जाने के बाद अब्दुल्ला की यह प्रतिक्रिया आई है.
अब्दुल्ला ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं नहीं जानता कि नेहरू के खिलाफ उनके मन में जहर क्यों भरा हुआ है. नेहरू जिम्मेदार नहीं हैं. जब अनुच्छेद (370) आया था, तब वहां सरदार पटेल थे.'' पूर्ववर्ती राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘नेहरू उस वक्त अमेरिका में थे जब कैबिनेट की बैठक हुई थी. जब फैसला लिया गया था उस वक्त श्यामा प्रसाद मुखर्जी भी मौजूद थे.''
यह पूछे जाने पर कि क्या यह अनुच्छेद निरस्त किये जाने से जम्मू कश्मीर में विकास की शुरूआत हुई है, उन्होंने कहा, ‘‘जाकर खुद देख लीजिए.''
उन्होंने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि चुनाव हो, हम उम्मीद कर रहे थे कि यदि उच्चतम न्यायालय (अनुच्छेद) 370 हटाएगा तो उन्हें तत्काल चुनाव कराने के लिए कहा जाएगा. उन्हें सितंबर (2024) तक का वक्त दिया गया, इसका क्या मतलब है?'' राज्य के दर्जा के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि वे इसपर बाद में बात करेंगे.
पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) पर भारत के दावे के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘यह निर्णय सरकार को लेना है. हमने किसी को कभी नहीं रोका है...
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