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ग्राउंड रिपोर्ट: NEET पेपर लीक का क्या है लातूर कनेक्शन? व्हाट्सएप चैट से हुए अहम खुलासे

जलील पठान का घर लातूर में शिवाजी नगर पुलिस थाने के पास है. एनडीटीवी की टीम जब उनके घर पहुंची तो घर बंद मिला. पड़ोसी भी उनके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं रखते, क्योंकि जलील अभी दो महीने पहले ही उस घर में किराए पर रहने आए थे.

NEET Paper Leak: NEET परीक्षा पेपर लीक के तार महाराष्ट्र के लातूर से जुड़ने से लातूर पैटर्न एक बार फिर से चर्चा में आ गया है. 80 के दशक में  एक कॉलेज शुरू हुए लातूर पैटर्न ने आज लातूर को महाराष्ट्र में कोचिंग का केंद्र बना दिया है और राज्य भर के विद्यार्थी NEET और JEE advance की परीक्षा क्रैक करने के लिए लातूर आते हैं.

पहले जिला परिषद स्कूल के मुख्याध्यापक जलील पठान और अब जिला परिषद स्कूल के शिक्षक संजय जाधव...NEET परीक्षा पेपर लीक मामले में 2  जुलाई तक पुलिस रिमांड में हैं. आरोप है कि दोनों ने NEET परीक्षा में बैठने वाले विद्यार्थियों के प्रवेश फार्म धाराशिव के आईटीआई संस्था से जुड़े . इरन्ना कोनगलवार को भेजा था और इरन्ना ने उसे दिल्ली में गंगाधर नाम के शख्स को. दोनो आरोपी शिक्षको के व्हाट्सएप चैट में पैसों के लेनदेन का भी जिक्र है.

जलील पठान का घर लातूर में शिवाजी नगर पुलिस थाने के पास है. एनडीटीवी की टीम जब उनके घर पहुंची तो घर बंद मिला. पड़ोसी भी उनके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं रखते, क्योंकि जलील अभी दो महीने पहले ही उस घर में किराए पर रहने आए थे. जलील पठान...जिस स्कूल में पढ़ाते हैं वहां के शिक्षक ने बताया कि वो बहुत कम बात करते थे और उनकी गिरफ्तारी की बात सुनकर हैरानी हुई है.

लातूर पैटर्न का ही परिणाम है कि लातूर में इस महाविद्यालय के सबसे ज्यादा विद्यार्थी मेरिट लिस्ट में आते हैं. इस बार के NEET परीक्षा में भी इस स्कूल के 14 विद्यार्थियों ने 700 के ऊपर अंक लाया है तो 419 ने 600 अंक के ऊपर और पेपर लीक से दुखी तो हैं. लेकिन परीक्षा रद्द होने पर फिर से परीक्षा देने को तैयार हैं.

लातूर ने पिछले तीन दशक में पढ़ाई और परीक्षा की तैयारी में मुंबई और पुणे को पीछे कर दिया है. इसका श्रेय लातूर  पैटर्न को जाता है. लेकिन दो शिक्षको की गिरफ्तारी ने शिक्षक बिरादरी को आहत कर दिया है. 

लातूर पैटर्न को देखते हुए यहां के विद्यार्थियों को पेपर लीक का सहारा लेने की जरूरत दिखती तो नहीं. लेकिन लातूर के ही एक शख्स और NEET परीक्षा में पर्यवेक्षक रहे शामराव जोशी का दावा है कि लातूर में साल 2019, 20 और 21 पेपर लीक हुआ था, जिसकी सबूतों के साथ लिखित शिकायत जोशी ने भारत सरकार से लेकर स्थानीय पुलिस तक किया था. लेकिन कहीं कोई सुनवाई नही हुई.

जाहिर है शिक्षा ने जिस तरह से व्यापार का रूप ले लिया है उसमे अच्छा रिजल्ट मायने रखता है फिर वो चाहे जैसे आए. नतीजा बच्चे से लेकर पालक और शिक्षक सभी एक तरह के दबाव में रहते है. NEET पेपर लीक मामले में शिक्षको  गिरफ्तारी से लातूर पैटर्न पर सवाल तो जरूर उठा है. लेकिन सवाल ये भी है कि प्राइमरी के शिक्षको का NEET परीक्षा से क्या वास्ता है ? अगर ये दोनो सिर्फ मोहरे हैं तो इनके पीछे छिपा मास्टरमाइंड कौन हैं ?

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