NEET पेपर लीक मामले में हर बीतते दिन के साथ नए-नए खुलासे हो रहे हैं. अब इस मामले में संजीव मुखिया नाम के शख्स सामने आ रहा है. कहा जा रहा है कि ये सॉल्वर गैंग का सरगना और इस पेपर लीक का मास्टरमाइंड है. पुलिस फिलहाल संजीव मुखिया की तलाश कर रही है. बिहार समेत कई अन्य राज्यों में भी संजीव की गिरफ्तार के लिए छापेमारी की जा रही है. इन सब के बीच NDTV ने संजीव मुखिया की मां यसोदा देवी और पिता जनक से खास बातचीत की. इस बातचीत के दौरान यसोदा देवी ने कहा उनका बेटा संजीव उर्फ लूटन पूरी तरह से निर्दोष हैं. उसे राजनीति के तहत फंसाया जा रहा है. मैं चाहती हूं कि इस मामले में सीबीआई से जांच कराई जाए और जो लोग असली आरोपी है उन्हें गिरफ्तार किया जाए.
यसोदा देवी ने NDTV से कहा कि मेरा बेटा संजीव पेपर लीक मामले में कहीं से भी शामिल नहीं है. उसे सिर्फ इसलिए फंसाया जा रहा है ताकि वह अगले साल होने वाला चुनाव ना लड़ सके. उन्होंने बताया कि उनका बेटा कृषि विभाग में काम करता है. संजीव की पत्नी राजनीति में सक्रिय है पहले मुखिया भी रह चुकी है. उनका मानना है कि अगले साल राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव में उनका बेटा ना लड़ सके इसके लिए उसे इस तरह के मामले में फंसा रहे हैं.
"राजनीति के तहत संजीव को फंसाया जा रहा है"
संजीव की मां का आरोप है कि राजनीति से प्रेरित होकर स्थानीय विधायक एवं विधायक के पुत्र के द्वारा संजीव को फंसाया जा रहा है. वो ऐसा इसलिए कर रहे हैं क्योंकि 2020 में ममता देवी, मुखिया के पद पर रहते हुए विधानसभा के चुनाव लड़ रही थी एवं जदयू की सक्रिय कार्यकर्ता थी. सीएम नीतीश कुमार से लेकर वरिष्ठ नेताओं के सभाओं में इनके महिला समर्थकों के द्वारा अपार भीड़ जुटाने का काम करती थी एवं जैसा कि परिजनों का कहना है कि नीतीश कुमार के द्वारा कहा भी गया था की बीच में विधानसभा के चुनाव में ममता देवी को जेडीयू पार्टी से टिकट दिया जाएगा. लेकिन ठीक चुनाव के समय उनका टिकट हरनौत विधानसभा से काट दिया गया था. इसके बाद ममता देवी लोजपा पार्टी से चुनाव लड़ी एवं हरि नारायण सिंह के समक्ष दूसरा पोजीशन इन्हीं का रहा था. अब विधानसभा का चुनाव करीब आ रहे हैं और इस बात का डर स्थानीय विधायक को था कि अगर ये फिर से चुनाव में खड़े हो गए तो वो हार सकता है. इस वजह से ही मेरे बेटे और पोते को इसमें फंसा दिया है.
संजीव की मां से जब संजीव पर पहले लगे पेपर लीक के आरोप के बारे में जब पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मुझे इसकी कोई जानकारी नहीं है. मैं बस इतना जानती हूं कि मेरे बेटे ने कोई पेपर लीक नहीं किया है.
"हम राजनीति में नए है इसलिए ऐसा हो रहा है"
संजीव मुखिया के पिता ने NDTV को बताया कि मेरे बेटे का पेपर लीक में कोई हाथ नहीं है. हम पहले ही बता चुके हैं कि ये मामला राजनीति से प्रेरित है. संजीव के दुश्मन उसे प्रताड़ित कर रहे हैं. संजीव के जो दुश्मन हैं वो लोग बिहार में अभी सरकार में हैं, ऐसे में थाने से लेकर आईजी लेवल तक उनकी बात सुनी जाती है. लेकिन हम लोग आम जनता हैं तो हमारी बात कहीं नहीं सुनी जाती है. हम लोगों ने अभी अभी ही राजनीति में प्रवेश किया है तो हमारे लिंक उतने बड़े नहीं है.
मेरी बहु ममता का जदयू में थी, नीतीश कुमार के लिए काम भी करती थीं. मुख्यमंत्री नीतीश बाबू मेरी बहु को आश्वासन देते रहे कि उनको टिकट मिलेगा, लेकिन पिछले चुनाव में मेरी बहु की जगह चुनाव से ठीक पहले हरिनरायण प्रसाद जी को टिकट दे दिया गया.
"मामला अभी कोर्ट में है, फैसला आने का इंतजार तो कीजिए"
अपने बेटे और पोते पर लगे पेपर लीक के मामले पर संजीव के पिता ने कहा कि पहले का मामला कोर्ट में है. राजनीति में आरोप लगाए जाते हैं लेकिन कोर्ट है जहां आरोप को साबित किया जाता है. जब मेरी बहु ममता ने मुखिया का चुनाव जीता था तो उस दौरान ही हरि नरायण प्रसाद को पता चल गया था कि अब ये विधायक भी बन सकती है. इसके बाद से ही राजनीति के तहत ऐसे आरोप लगाए गए हैं. हरि नरायण प्रसाद बीते कई सालों से हमार पीछे लगे हुए हैं. जब तक कोर्ट अपना फैसला नहीं सुना देता तब तक कोई कैसे दोषी साबित कर सकता है.
बिहार शिक्षक भर्ती पेपर लीक में शामिल रहा है संजीव का बेटा शिव
आपको बता दें कि NEET पेपर लीक मामले में पुलिस को अब संजीव मुखिया की तलाश है. सूत्रों से मिल रही खबर के अनुसार संजीव मुखिया पेपर लीक मामले में सबसे अहम कड़ी है. पुलिस संजीव को गिरफ्तार कर इस मामले में कई बड़े खुलासे कर सकती है. संजीव मुखिया बिहार के नालंदा का रहने वाला है. उसकी तरह ही उसका बेटा शिव भी अपराध की दुनिया में जाना माना नाम है. शिव के ऊपर बिहार शिक्षक भर्ती परीक्षा का पेपर लीक कराने का आरोप था. पुलिस ने शिव को उसके चार अन्य साथियों के साथ मध्यप्रदेश के उज्जैन से गिरफ्तार किया था.
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