राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (National Eligibility cum Entrance Test) को लेकर बड़े पैमाने पर जारी विवाद के बीच, एनडीटीवी ने बिहार के चार छात्रों के स्कोरकार्ड हासिल किए हैं, जिन्होंने कथित तौर पर परीक्षा से पहले प्रश्न पत्र हासिल कर लिया था. इनमें से दो स्कोरकार्ड पूरे फर्जीवाड़े की कहानी बताता है. जानकारी के अनुसार अनुराग यादव, जो कथित पेपर लीक मामले में गिरफ्तार किए गए चार लोगों में से एक है ने पुलिस को बताया है कि वह कोचिंग हब कोटा में मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रहा था. उसी दौरान उसके चाचा सिकंदर ने उसे बताया कि वो समस्तीपुर लौट जाए. साथ ही उन्होंने आश्वासन दिया कि परीक्षा का काम हो जाएगा. छात्र ने बताया कि परीक्षा से एक रात पहले उसे कुछ सवाल और उनके जवाब मिले थे. दूसरे दिन वास्तविक पेपर में भी वही सवाल पूछे गए थे.
स्कोरकार्ड से पता चलती है पूरी कहानी
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी द्वारा जारी अनुराग के स्कोरकार्ड से पता चलता है कि उसने 720 में से 185 अंक हासिल किए हैं. उसका कुल पर्सेंटाइल स्कोर 54.84 (राउंड ऑफ) है. लेकिन अलग-अलग विषयों में उसके अंकों पर नजर डालने से संख्याओं का एक विचित्र बेमेल पता चलता है. अनुराग ने फिजिक्स में 85.8 परसेंटाइल और बायोलॉजी में 51 परसेंटाइल स्कोर हासिल किया. लेकिन उसकी केमिस्ट्री 5 पर्सेंटाइल अंक ही मिले हैं. छात्र ने स्वीकार किया कि उसे परीक्षा से एक दिन पहले प्रश्न मिल गए थे, इन अंकों से पता चलता है कि उसे के केमिस्ट्री उत्तर याद करने के लिए पर्याप्त समय नहीं मिला था. अनुराग का ऑल इंडिया रैंक 10,51,525 बताई गई है और ओबीसी उम्मीदवार के रूप में उसकी रैंक 4,67,824 है.
सिकंदर ने 4 छात्रों से किया था संपर्क
सिकंदर यादवेंदु ने पुलिस को बताया है कि उसने प्रश्नपत्रों के लिए चार छात्रों को अमित आनंद और नीतीश कुमार से संपर्क कराया. जिन्हें गिरफ्तार भी किया गया. उसने कहा, अमित और नीतीश ने प्रति छात्र 30-32 लाख रुपये मांगे थे. उन्होंने कथित तौर पर पुलिस को बताया, "मैंने उन्हें बताया कि मेरे चार छात्र परीक्षा दे रहे हैं. लालच के कारण, मैंने प्रत्येक छात्र से कहा कि उन्हें प्रश्न पत्र के लिए 40 लाख रुपये का भुगतान करना होगा.
NEET के परिणाम पर लगातार खड़े हो रहे हैं सवाल
गौरतलब है कि एमबीबीएस, बीडीएस और आयुष पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए अखिल भारतीय परीक्षा के नतीजे 4 जून को घोषित होने के बाद से कई अनियमितताएं सामने आई हैं. कम से कम 67 छात्रों ने 720/720 अंक प्राप्त किए हैं और उनमें से छह हरियाणा के एक ही केंद्र से हैं. इस बार हाई-कट ऑफ ने कई छात्रों को आश्चर्यचकित कर दिया है कि उन्हें मेडिकल कॉलेज की सीट मिलेगी या नहीं. अभ्यर्थियों द्वारा दोबारा परीक्षा कराने की मांग के चलते राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं.
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