देश में मौसम का मिजाज तेजी से बदल रहा है. एक दम से तेज गर्मी और कहीं तेज बारिश हो रही है. कश्मीर जैसी जगह पर जहां कई जगहों पर बर्फ ही नहीं पड़ी. मौसम वैज्ञानिक भी इसे देखर हैरान हैं. इसके लिए एल नीनो और जलवायु परिवर्तन को जिम्मेदार ठहराया गया है. 10 दिन पहले उत्तर भारत की हीट वेब की चर्चा हो रही थी और कल ही बारिश हुई. ऐसे हालात का जिम्मेदार जलवायु परिवर्तन है.
एक्सपर्ट्स का कहना है कि विकास प्रकृति के साथ तालमेल बिठाकर होना चाहिए. जो कि हुआ नहीं है. हमने ग्रीन स्पेस को खत्म किया है. आसपास की वॉटर बॉडीज को नष्ट किया है. हमने प्री अर्बन एरिया के वेटलैंड में कंस्ट्रक्शन किया है. हमारा ड्रेनेज सिस्टम बहुत ही बेकार है. जो अभी की बारिश को ही नहीं झेल पा रहा है. इनको बढ़ाने में जलवायु परिवर्तन बड़ी भूमिका निभा रहा है. अभी हम सिर्फ 1.2 डिग्री सेल्सिसम गर्मी यानी कि ग्लोबल वॉर्मिंग को झेल रहे हैं. हम 1.5 और 2 डिग्री की तरफ जा रहे हैं.हमें ये सोचने की जरूरत है कि कैसा विकास हम कर रहे हैं. लंबे समय तक हमें क्या करना है उस पर बात करने की जरूरत है. जलवायु परिवर्तन पर काबू पाने के क्या तरीके हैं, ये सोचने की जरूरत है.
घर कैसा हो, ये जरूर देखें
सबसे पहले हम जहां रह रहे हैं उन घरों को देखने की जरूरत है. हमें ये देखने की जरूरत है कि हमारा कंस्ट्रक्शन कैसा होना चाहिए और कैसे मटेरियल का होना चाहिए. शहरों में हाई राइज , लो राइज सोसाइटियां बनी हुई हैं. ग्लास ज्यादा लगाए जा रहे हैं, जिससे गर्मी अंदर आएगी लेकिन बाहर नहीं जाएगी. कमर्शियल बिल्डिंग के कानून हर स्टेट में अप्लाई नहीं हो रहे हैं. सरकारी इमारतें थोड़ी बेहतर हैं. एक कानून आया है लेकिन अब तक यह कानून रिहायशी इमारतों पर लागू नहीं हुआ है. कानून के मुताबिक, इमारत का वेंटिलेशन बेहतर होना चाहिए. शीशा थोड़ा कम होना चाहिए. लाइट के सोर्स पर ध्यान दिया जाए. घर की दीवारें पतली कंक्रीट की नहीं होनी चाहिए.
जलवायु परिवर्तन पर काबू पाने का तरीका नंबर-1
हमें पर्यावरण पर ध्यान देने की जरूरत है. आज पेड़ों को काटा जा रहा है. जलवायु परिवर्तन पर अगर काबू पाना है को ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने की जरूरत है. नेचुरल इको सिस्टम को हटाकर प्लांटेशन लगाना सही नहीं है. पर्यावरण बनाम विकास की बात हो रही है. पर्यावरण हमारे विकास का कोर पार्ट होना चाहिए. इसीलिए ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने की जरूरत है. पलिसी बनाने से ज्यादा उसे लागू करवाना भी जरूरी है.
जलवायु परिवर्तन पर काबू पाने का तरीका नंबर-2
पर्यावरण से निपटने के लिए वेस्टर्न यूरोपियन देशों में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं. वहां पर कुछ शहरों के कुछ हिस्सों में कारों का आना बिल्कुल बंद कर दिया है. इसी तरह से पर्यावरण को बचाने के लिए सार्वजनिक वाहन इस्तेमाल करने की जरूरत है. इलैक्ट्रिक वाहन का ज्यादा इस्तेमाल करना चाहिए.
जलवायु परिवर्तन पर काबू पाने का तरीका नंबर-3
हमको जलवायु परिवर्तन पर काबू पाने के लिए पेट्रोल-डीजल के वाहनों का इस्तेमाल कम करें. इसके लिए इलैक्ट्रिक वाहन और सौर ऊर्जा से चलने वाले वाहनों का इस्तेमाल ज्यादा करें इससे प्रदूषण कम होगा और जलवायु परिवर्तन पर बहुत हद पर लगाम कसी जा सकेगी.
जलवायु परिवर्तन पर काबू पाने का तरीका नंबर-4
जलवायु परिवर्तन पर काबू पाने के लिए घर में बिजली का इस्तेमाल कम से कम करना चाहिए. घर इस तरह से बनाए जाएं कि इनमें रोशनी का नेचुरल सोर्स उपलब्ध हो. जिससे बिजली का इस्तेमाल ज्यादा न करना पड़े.
जलवायु परिवर्तन पर काबू पाने का तरीका नंबर-5
हमको जलवायु परिवर्तन को और बिगड़ने से बचाने चाहते हैं तो हमें अपनी निर्भरता सलर एनर्जी पर बढ़ानी पड़ेगी. ताकि कोयले के इस्तेमाल से बनाई जा रही बिजली उत्पादन कम हो सके. और पर्यावरण को दूषित होने से बचाा जा सके. हमें सोलर एनर्जी का इस्तेमाल करने की जरूरत है.सोलर एनर्जी बहुत ही सब्सिडाइज रेट में उपलब्ध है.
जलवायु परिवर्तन पर काबू पाने का तरीका नंबर-6
जलवायु परिवर्तन पर अगर काबू पाना है तो हमें खाने पर ध्यान देने की जरूरत है. खाना बेकार न जाने दें. वहीं मांस की जगह फल सब्जी और अनाज पर निर्भरता बढ़ाने की जरूरत है.
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