विज्ञापन
This Article is From Oct 11, 2023

NDTV ग्राउंड रिपोर्ट: माउंट कैलाश के लिए नए रास्ते का निर्माण, उत्तराखंड से कैलाश मानसरोवर के दर्शन

आदि कैलाश के पास जोलीकोंग में सेना और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) का बेस कैंप है. यहां से लगभग 40 किमी दूर भारत, तिब्बत और नेपाल के बीच की सीमा है.

NDTV ग्राउंड रिपोर्ट: माउंट कैलाश के लिए नए रास्ते का निर्माण, उत्तराखंड से कैलाश मानसरोवर के दर्शन
लिपुलेख:

उत्तराखंड में स्थित आदि कैलाश, हिंदुओं के लिए सबसे पवित्र स्थलों में से एक है. यहां जाने के लिए पहले एक लंबा रास्ता था, जिसे पैदल ही तय करना होता था, साथ ही इसमें कई दिन लग जाते थे, लेकिन लिपुलेख तक मोटर गाड़ी के लायक सड़क के निर्माण से तीर्थयात्रा अब आसान हो जाएगी.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कल निर्धारित उत्तराखंड यात्रा से पहले एनडीटीवी ने लिपुलेख दर्रा, धारचूला और आदि कैलाश का दौरा किया. लिपुलेख के आगे भारत-नेपाल-तिब्बत सीमा है और उससे आगे का क्षेत्र नागरिकों के लिए सुलभ नहीं है. यहां से कैलाश पर्वत की झलक देखने को मिलती है.

लगभग 5,945 मीटर ऊंचा आदि कैलाश उत्तराखंड के पिथौरागढ जिले में है. कैलाश मानसरोवर और आदि कैलाश दोनों का मार्ग धारचूला से गुजरता है, लेकिन गुंजी से ये अलग हो जाते हैं. जहां आदि कैलाश भारत में है, वहीं कैलाश मानसरोवर तिब्बत में स्थित है, जिस पर चीन अपना दावा करता है. वर्तमान में कैलाश मानसरोवर यात्रा कई कारणों से निलंबित है.

धारचूला से तवाघाट तक का विस्तार सड़क द्वारा कवर किया जा सकता है. अगला पहाड़ी इलाका, जिसे पहले केवल पैदल ही तय किया जा सकता था और जिसे तय करने में लगभग 8-10 दिन लगते थे, अब कार से तय किया जा सकता है. यह सड़क न केवल तीर्थयात्रियों के लिए आसान बनाती है, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी खोलती है.

आदि कैलाश के पास जोलीकोंग में सेना और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) का बेस कैंप है. यहां से लगभग 40 किमी दूर भारत, तिब्बत और नेपाल के बीच की सीमा है. यहीं तक नागरिकों को अनुमति है. जोलिकॉन्ग में बहुत कम होटल हैं.

माना जाता है कि आदि कैलाश वह पर्वत है, जहां शिव और पार्वती कैलाश पर्वत पर समाधि लेने के लिए जाते समय रुके थे. स्थानीय लोगों की आज भी ऐसी मान्यता है कि वहां एक पार्वती मंदिर है, जहां उन्होंने स्नान किया था. एक तालाब पौराणिक आस्था का प्रतीक बना हुआ है.

पीएम मोदी गुरुवार सुबह आदि कैलाश मंदिर जाएंगे और पूजा-अर्चना करेंगे. वह गुंजी में ग्रामीणों से भी बातचीत करेंगे और दोपहर के आसपास अल्मोडा जिले के जागेश्वर मंदिर में पूजा-अर्चना करेंगे. बाद में दिन में, वह राज्य में कई विकासात्मक परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Previous Article
"तिरुपति के प्रसादम में जानवर की चर्बी..." : चंद्रबाबू नायडू ने लगाया आरोप, YSRCP ने किया पलटवार
NDTV ग्राउंड रिपोर्ट: माउंट कैलाश के लिए नए रास्ते का निर्माण, उत्तराखंड से कैलाश मानसरोवर के दर्शन
नीरज चोपड़ा महज 1 सेमी से चैंपियन बनने से चूके, एंडरसन पीटर्स को पहला स्थान
Next Article
नीरज चोपड़ा महज 1 सेमी से चैंपियन बनने से चूके, एंडरसन पीटर्स को पहला स्थान
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com