
- देश के नक्सल प्रभावित राज्यों में सुरक्षाबल लगातार नक्सलियों के खिलाफ सक्रिय ऑपरेशन चला रहे हैं
- छत्तीसगढ़ के गरियाबंद में सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में केंद्रीय समिति सदस्य समेत दस नक्सलियों को मार गिराया है
- इस साल छत्तीसगढ़ में अब तक अलग-अलग मुठभेड़ों में दो सौ इकतालीस नक्सली मारे जा चुके हैं
देश से नक्सलियों का खात्मा अब कुछ ही दिन की बात लग रही है. ऐसा इसलिए भी क्योंकि देश के जिन राज्यों में नक्सलियों सक्रिय हैं वहां सुरक्षाबल लगातार उनके खिलाफ ऑपरेशन चला रही हैं. झारखंड से लेकर महाराष्ट्र तक फैले इस नेटवर्क तो पूरी तरह से खत्म करने के लिए सुरक्षाबल हर उस क्लू पर काम कर रही हैं जो नक्सलियों के खात्मे पर जाकर खत्म होती है. केंद्र सरकार ने पहले ही नक्सल प्रभावी जिलों को नक्सल मुक्त कराने की डेडलाइन तय की किया हुआ है. ऐसे में नक्सलियों के एनकाउंडर से लेकर उनके सरेंडर पर लगातार जोर दिया जा रहा है. इसी क्रम में छत्तीसगढ़ के गरियाबंद में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ हुई. इस मुठभेड़ में सीसी सदस्य मनोज उर्फ बालकृष्ण सहित 10 नक्सलियों को मार गिराया गया है.

नक्सलियों के खिलाफ के खिलाफ ये कार्रवाई सुरक्षाबलों के लिए एक बड़ी सफलता की तरह देखी जा रही है. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मारे नक्सलियों में एक वरिष्ठ नेता और केंद्रीय समिति सदस्य (सीसीएम) मोड़ेम बालकृष्ण उर्फ भास्कर भी शामिल है. इस साल छत्तीसगढ़ में अलग-अलग मुठभेड़ों में अब तक 241 नक्सली मारे जा चुके हैं.
रायपुर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक अमरेश मिश्रा ने बताया कि गरियाबंद जिले के मैनपुर क्षेत्र में सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में कम से कम 10 नक्सलियों को मार गिराया है. मिश्रा ने बताया कि मैनपुर क्षेत्र के जंगलों में नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना मिलने पर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के कोबरा बटालियन, विशेष कार्य बल (एसटीएफ) और ई-30 (जिला पुलिस की एक इकाई) को नक्सल विरोधी अभियान पर रवाना किया गया था . गुरुवार की सुबह से ही क्षेत्र में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच रुक-रुक कर मुठभेड़ चल रही और नक्सलियों ने बारूदी सुरंग में विस्फोट भी किया है.

241 नक्सली मारे गए
पुलिस के मुताबिक इस मुठभेड़ के साथ, इस साल अब तक छत्तीसगढ़ में अलग-अलग मुठभेड़ों में 241 नक्सली मारे गए है. इनमें से 212 सात जिले वाले बस्तर संभाग में मारे गए हैं, जबकि 27 रायपुर संभाग के गरियाबंद जिले में मारे गए. दुर्ग संभाग के मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिले में दो अन्य नक्सली मारे गए. पिछले साल, छत्तीसगढ़ में अलग-अलग मुठभेड़ों में सुरक्षाबलों ने 219 नक्सलियों को ढेर कर दिया था.
कैसे तय की गई थी मार्च 2026 की डेडलाइन
केंद्र सरकार ने नक्सलियों के खात्मे के लिए मार्च 2026 की डेडलाइन तय की है. इसी साल गृहमंत्री अमित शाह ने कहा था कि मैंने पहले से ही कर लिए काम के बूते पर ही ये बयान दिया है. रणनीति के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा था कि 2019 में गृहमंत्री बनने के बाद मुझे बताया गया कि नक्सल या वामपंथी उग्रवाद का मुद्दा कश्मीर से भी बड़ा है. एक मायने में विकास की कमी से उपजा असंतोष नक्सलवाद की वजह माना जा सकता है.

नक्सलियों के खिलाफ मोदी सरकार के मास्टरप्लान का पहला पहलू बंदूक उठाने वालों और हिंसा के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त और निर्मम कार्रवाई करना है. हमने इलाके में तैनात राज्य पुलिस बलों और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के प्रशिक्षण, एकीकरण और क्षमता निर्माण के जरिए अधिकतम बल का इस्तेमाल किया. हमने दबदबे के लिए अधिक रेंज वाली आधिनिक असाल्ट राइफलों और इसी तरह के दूसरे हथियारों का इस्तेमाल किया.
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