कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu)को 34 साल पुराने रोडरेज केस में गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से बड़ा झटका लगा. सुप्रीम कोर्ट ने क्रिकेटर से राजनीति के 'फील्ड' में कदम रखने वाले सिद्धू को इस मामले में एक साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है.जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस संजय किशन कौल की बेंच ने फैसला सुनाया. गौरतलब है कि सिद्धू का वर्ष 1988 में पटियाला में पार्किंग को लेकर झगड़ा हुआ था जिसमें एक बुजुर्ग की मौत हो गई थी. इस मामले में पहले सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू को एक हजार का जुर्माना लगाकर छोड़ दिया था. इसके खिलाफ पीड़ित पक्ष की ओर से पुनर्विचार याचिका दाखिल की गई थी. सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सिद्धू ने ट्वीट किया- कानून की महानता के आगे नतमस्तक हूं.
Will submit to the majesty of law ….
— Navjot Singh Sidhu (@sherryontopp) May 19, 2022
यह है मामला : 27 दिसम्बर 1988 को नवजोत सिद्धू और उनके दोस्त रूपिंदर सिंह संधू की पटियाला में कार पार्किंग को लेकर गुरनाम सिंह नाम के बुजुर्ग के साथ कहासुनी हो गई. झगड़े में गुरनाम की मौत हो गई. सिद्धू और उनके दोस्त रुपिंदर सिंह संधू पर गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज किया गया. पंजाब सरकार और पीड़ित परिवार की तरफ से मामला दर्ज करवाया गया. साल 1999 में सेशन कोर्ट से सिद्धू को राहत मिली और केस को खारिज कर दिया गया. कोर्ट का कहना था कि आरोपी के खिलाफ पक्के सबूत नहीं हैं और ऐसे में सिर्फ शक के आधार पर केस नहीं चलाया जा सकता, लेकिन साल 2002 में राज्य सरकार ने सिद्धू के खिलाफ पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में अपील की.
1 दिसम्बर 2006 को हाईकोर्ट बेंच ने सिद्धू और उनके दोस्त को दोषी माना. 6 दिसम्बर को सुनाए गए फैसले में सिद्धू और संधू को 3-3 साल की सजा सुनाई गई और एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगा. सुप्रीम कोर्ट में अपील करने के लिए 10 जनवरी 2007 तक का समय दिया गया. दोनों आरोपियों द्वारा सुप्रीम कोर्ट में अपील की गई और 11 जनवरी को चंडीगढ़ की कोर्ट में सरेंडर किया गया. 12 जनवरी को सिद्धू और उनके दोस्त को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई. सुप्रीम कोर्ट ने उनकी सजा पर रोक लगा दी थी. इसके बाद शिकायतकर्ता भी सुप्रीम कोर्ट पहुंचे और सिद्धू को हत्या का दोषी करार देने की मांग की थी
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