महाराष्ट्र के नवी मुंबई में यशश्री की निर्मम हत्या करने वाला आरोपी दाऊद पुलिस (Yashshree Dawood) के हत्थे चढ़ चुका है. जब उस पर पुलिस का चाबुर चला तो उसने न सिर्फ अपना गुनाह कबूल किया बल्कि (Mumbai Murder) शुरू से आखिर तक की हर एक बात उगल कर रख दी. पुलिस की पूछताछ में आरोपी ने बड़े खुलासे किए हैं. उसने खुलासा कर दिया कि यशश्री को मारने से पहले और बाद में आखिर उसने क्या-क्या किया, वह कहां-कहां गया. दाऊद ने ये भी बताया है कि साथ पढ़ने वाली यशश्री शिंदे की हत्या उसने क्यों की. हत्या की साजिश उसने कैसे रची.
कहां से हुई दाऊद की गिरफ्तारी?
यशश्री की हत्या के बाद दाऊद अपना मोबाइल घर पर छोड़कर पहाड़ों पर घूमता रहा. दाऊद यशश्री से शादी कर कर्नाटक शिफ्ट होना चाहता था, पर यशश्री ने इसके लिए मना कर दिया था. उरण में 20 साल की यशश्री शिंदे की निर्मम हत्या कर आरोपी कर्नाटक के पहाड़ों पर छुपता फिर रहा था. पुलिस ने उसे कर्नाटक के ही गुलबर्गा से 5 दिन बाद धर दबोचा.
दाऊद ने कैसे की यशश्री की हत्या?
- यशश्री शिंदे को कई बार चाकू से गोदा गया.
- पहचान मिटाने के लिए चेहरे को पत्थरों से कुचला गया.
- लड़की के प्राइवेट पार्ट पर भी चाकू से कई वार किए.
- शरीर के हर अंगों पर चोटों के निशान मिले.
- यशस्वी के हाथ-पैर तोड़ दिए.
- उसकी पीठ और पेट पर चाकूओं से कई निशान.
- लड़की के बालों को भी काट दिया गया.
- कपड़े भी फटे हुए थे.
यशश्री की हत्या के बाद दाऊद ने क्या किया?
नवी मुंबई पुलिस सूत्रों के मुताबिक, दाऊद शेख ने हत्या को अंजाम देने के बाद उरण रेलवे स्टेशन से लोकल ट्रेन पकड़ी और सीबीडी बेलापुर स्टेशन गया. उसने फिर वहां ट्रेन पकड़ी और पनवेल स्टेशन तक गया. पनवेल स्टेशन पहुंचकर एटीएम से उसने पैसे निकाले . वहां से ऑटो रिक्शा पकड़ कर वह कलम बोली गया और वहां से बस के रास्ते वह कर्नाटक में अपने गांव चला गया. वहां वह अपनी दादी के पास रुका हुआ था. दाऊद अच्छी तरह से जानता था कि अगर वह अपना फोन लेकर कहीं भी जाएगा तो पुलिस उसे पकड़ लेगी. इसीलिए उसने फोन घर छोड़ने से पहले बंद कर दादी के पास रख दिया.
वह यशश्री पर शादी के लिए लगातार दबाव बना रहा था. गुस्साई यशश्री जब दाऊद का नंबर ब्लॉक कर देती थी तो वह मोहसिन के फोन से कॉल करता था.
कब क्या हुआ?
- दाऊद 22 जुलाई को कर्नाटक से निकला.
- 23 जुलाई को नवी मुंबई पहुंचा.
- 24 जुलाई को मिलने के लिए यशश्री पर प्रेशर बनाया.
- 25 जुलाई को दाऊद यशश्री से मिला.
यशश्री की हत्या कहीं 2019 का बदला तो नहीं?
दाऊद यशश्री के पिता से 2019 का बदला लेना चाहता था. इसीलिए उसने यशश्री की हत्या कर दी. साल 2019 में दाऊद को पोक्सो के मामले में गिरफ्तार किया गया था. वह करीब डेढ़ महीने तक जेल में भी रहा था. यशश्री के पिता की शिकायत के आधार पर ही दाऊद के खिलाफ पोक्सो का मामला दर्ज हुआ था. जेल से रिहा होने के बाद उसका एक्सीडेंट हो गया और करीब डेढ़ महीने तक वह बेड पर रहा. होश में आते ही उसने फोन के जरिए यशश्री से फिर से संपर्क किया और दोनों की बातचीत शुरू हो गई.
फोटो लीक करने की धमकी देकर मिलने बुलाया
यशश्री को मारने की प्लानिंग दाऊद ने पहले ही कर रखी थी. वह बेंगलुरु से ही दो चाकू लेकर नवी मुंबई पहुंचा था. उसी में से एक का इस्तेमाल कर उसने यशश्री को मौत के घाट उतार दिया. दाऊद के पास शायद दोनों के कुछ प्राइवेट फोटो थे. यशश्री कभी नहीं चाहती थी कि उन फोटो को कोई और देखे. दाऊद इन्हीं फोटो को वीलीक करने की धमकी उसे दे रहा था.
यशश्री के साथ क्या-क्या हुआ?
- यशश्री 25 जुलाई से लापता थी.
- घरवालों ने उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई.
- पुलिस ने कई जगहों के CCTV फुटेज भी खंगाले.
- CCTV में आखिरी बार उसे 25 जुलाई की दोपहर 1:30 बजे उरण मार्केट एरिया में देखा गया.
- उसके बाद से उसकी कोई खबर नहीं थी.
- 27 जुलाई की रात पुलिस को एक फोन आया.
- उरण रेलवे स्टेशन के पास झाड़ियों में एक लड़की की लाश मिलने की खबर.
- यशश्री शिंदे के परिवारवालों को शिनाख्त के लिए बुलाया.
- परिजनों ने कपड़ों से की यशश्री शिंदे की पहचान.
यशश्री को मिलने के लिए कैसे किया मजबूर?
दाऊद 24 जुलाई को यशश्री से मिला था. 25 जुलाई को उसने उसे लगातार कॉल किया और मिलने के लिए फोर्स किया. यशश्री ने जब मिलने से मना कर दिया तो उसने प्राइवेट फोटो सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दीं. फोटो देखते ही वह दाऊद से मिलने के लिए मजबूर हो गई. आरोपी ने पुलिस को बताया कि जब वो मिले तब यशश्री ने उससे फोटो डिलीट करने की मिन्नत की, जिसके बाद उसने फोटो डिलीट कर दिए. हालांकि इस दौरान दोनों के बीच नोकझोंक भी हुई. यशश्री ने मदद के लिए अपने दोस्त को भी कॉल किया था और अपने मुसीबत में होने की बात कहकर मदद की भी गुहार लगाई. इस बीच गुस्साए दाऊद ने उसको मौत के घाट उतार दिया.
हत्या के बाद दाऊद कहां गया और क्या किया?
यशश्री की हत्या करने के बाद दाऊद ट्रेन के जरिए उरण से पनवेल पहुंचा. इसी बीच उसने अपने दोस्त को कॉल कर कुछ पैसे मांगे, लेकिन उसे कुछ नहीं बताया. उसने पनवेल स्टेशन के पास के एटीएम से 1000 रुपये निकाले और फिर कलम्बोली से बस पकड़कर कर्नाटक के गुलबर्गा के शाहपुर गया. शाहपुर पहुंचते ही उसने मोबाइल स्विच ऑफ कर अपनी दादी के घर छोड़ दिया. पुलिस की नज़र से बचने के लिए वह एक पहाड़ से दूसरे पहाड़ घूमता रहा. पुलिस ने ह्यूमन इंटेलीज़ का इस्तेमाल कर उसे 30 जुलाई की सुबह 5 बजे शाहपुर के पास के एक पहाड़ से धर दबोचा.
दाऊद के खिलाफ NBW जारी
यशश्री की हत्या के 5 दिन पहले 20 जुलाई को पनवेल कोर्ट ने दाऊद के खिलाफ NBW जारी किया था. यह NBW (नॉन बेलेबल ऑफेंस) उसके खिलाफ साल 2019 में दर्ज पोक्सो के मामले में कोर्ट में तारीख के समय उपस्थित न रहने को लेकर जारी किया गया था. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि आरोपी के खिलाफ चार्जेस फ्रेम करना बाकी है. यह मामला पुराना है इसके बावजूद वो कोर्ट में तारीख पर लंबे समय से आ नहीं रहा है. इसलिए उसके खिलाफ NBW जारी किया जाए. इस मामले में अगली तारीख 12 अगस्त की रखी गई थी.
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