नई दिल्ली:
गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्र की यूपीए सरकार को उसकी नेतृत्व क्षमता में कमी और वैचारिक दरिद्रता के लिए आड़े हाथ लिया है। मोदी ने कहा है कि लकवाग्रस्त नीतियों के कारण देश नकारात्मक विकास की राह पर है।
विज्ञान भवन में राष्ट्रीय विकास परिषद (एनडीसी) की बैठक को संबोधित करने के बाद मोदी ने संवाददाताओं से कहा, नेतृत्वहीनता, वैचारिक दरिद्रता और लकवाग्रस्त नीतियां देश को रसातल की ओर ले जा रही हैं। मैंने इस पर चिंता जाहिर की है।
मोदी ने तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता द्वारा एनडीसी की बैठक से वॉक आउट करने को जायज करार दिया और सरकार पर उन्हें (जयललिता को) अपमानित करने का आरोप भी लगाया। उन्होंने आगे कहा, प्रधानमंत्री की टिप्पणी से निराशा का बोध होता है। राजनीतिक खेमे में विधानसभा चुनाव में लगातार तीसरी बार जीत को प्रधानमंत्री पद के लिए मोदी की दावेदारी की मजबूती के रूप में देखा जा रहा है, लेकिन, मोदी ने राष्ट्रीय राजनीति में अपनी भूमिका के बारे में पूछे गए सवालों को टाल दिया।
मोदी के मुताबिक 12वीं योजना के लिए अनुमानित 9 प्रतिशत विकास दर को सरकार ने कम कर 8.2 प्रतिशत कर दिया था और अब वह कह रही है कि 8 प्रतिशत का विकास दर भी हासिल कर पाना बेहद मुश्किल है।
मोदी ने कहा, केंद्र सरकार वैश्विक मंदी के कारण जीडीपी के कम रहने का बहाना बना सकती है, लेकिन राज्य ऐसा नहीं कर सकते। सरकार के पास आर्थिक विकास का खाका होना चाहिए और उसे कौशल विकास कार्यक्रम के जरिए जन संपदा का लाभ उठाना चाहिए। मोदी ने कहा कि नकारात्मक दिशा में चल पड़ी चीजों को सकारात्मक राह पर लाना मुश्किल होता है। उन्होंने आगे कहा कि 12वीं योजना के पहले साल का तीन-चौथाई समय बीत चुका है, तो फिर आप विकास लक्ष्य कहां से हासिल करेंगे।
विज्ञान भवन में राष्ट्रीय विकास परिषद (एनडीसी) की बैठक को संबोधित करने के बाद मोदी ने संवाददाताओं से कहा, नेतृत्वहीनता, वैचारिक दरिद्रता और लकवाग्रस्त नीतियां देश को रसातल की ओर ले जा रही हैं। मैंने इस पर चिंता जाहिर की है।
मोदी ने तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता द्वारा एनडीसी की बैठक से वॉक आउट करने को जायज करार दिया और सरकार पर उन्हें (जयललिता को) अपमानित करने का आरोप भी लगाया। उन्होंने आगे कहा, प्रधानमंत्री की टिप्पणी से निराशा का बोध होता है। राजनीतिक खेमे में विधानसभा चुनाव में लगातार तीसरी बार जीत को प्रधानमंत्री पद के लिए मोदी की दावेदारी की मजबूती के रूप में देखा जा रहा है, लेकिन, मोदी ने राष्ट्रीय राजनीति में अपनी भूमिका के बारे में पूछे गए सवालों को टाल दिया।
मोदी के मुताबिक 12वीं योजना के लिए अनुमानित 9 प्रतिशत विकास दर को सरकार ने कम कर 8.2 प्रतिशत कर दिया था और अब वह कह रही है कि 8 प्रतिशत का विकास दर भी हासिल कर पाना बेहद मुश्किल है।
मोदी ने कहा, केंद्र सरकार वैश्विक मंदी के कारण जीडीपी के कम रहने का बहाना बना सकती है, लेकिन राज्य ऐसा नहीं कर सकते। सरकार के पास आर्थिक विकास का खाका होना चाहिए और उसे कौशल विकास कार्यक्रम के जरिए जन संपदा का लाभ उठाना चाहिए। मोदी ने कहा कि नकारात्मक दिशा में चल पड़ी चीजों को सकारात्मक राह पर लाना मुश्किल होता है। उन्होंने आगे कहा कि 12वीं योजना के पहले साल का तीन-चौथाई समय बीत चुका है, तो फिर आप विकास लक्ष्य कहां से हासिल करेंगे।
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