हैदराबाद:
हैदराबाद से दक्षिण भारत में भाजपा के चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत करते हुए गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी गैर कांग्रेसी पार्टियों से अपील की कि वे केंद्र में कांग्रेस नीत संप्रग सरकार को हटाने और ‘वंशवादी’ शासन को खत्म करने के लिए एकसाथ आएं।
नए सहयोगी दलों को लुभाने के प्रयास के तहत गुजरात के मुख्यमंत्री ने विशेष तौर पर तेलगू देशम पार्टी (तेदेपा) से अपील की। उन्होंने कहा कि यह उसकी जिम्मेदारी है कि केंद्र में सरकार को कांग्रेस मुक्त बनाया जाए। तेदेपा ने आंध्र प्रदेश में दिवंगत एनटी रामाराव की विरासत हासिल की है। रामाराव आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री थे।
मोदी ने भाजपा द्वारा यहां लाल बहादुर शास्त्री स्टेडियम में आयोजित विशाल रैली को संबोधित करते हुए कहा, ‘मैं यहां आंध्र प्रदेश में सभी राजनैतिक दलों से अपील करता हूं कि गैर कांग्रेसी सरकार प्रदान करने से बेहतर एनटीआर को क्या श्रद्धांजलि हो सकती है।’ उन्होंने कहा, ‘जो लोग एनटीआर की विरासत पर दावा करते हैं, उनका पहला कर्तव्य गैर कांग्रेसी सरकार लाने के लिए हरसंभव प्रयास करना है। इस संबंध में सबकुछ करना उनका कर्तव्य होना चाहिए। मैं आश्वस्त हूं कि आंध्र प्रदेश के राजनैतिक दल गैर कांग्रेसी सरकार लाने और इस वंशवादी शासन को समाप्त करने के लिए कोई भी प्रयास नहीं छोड़ेंगे।’ तेदेपा को विशेष तौर पर संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, ‘एनटीआर के स्वप्न को पूरा करना उनका कर्तव्य है।’
इससे पहले, मोदी की यहां एलबी स्टेडियम में आयोजित सभा में उन्हें सुनने के लिए रविवार को हजारों की संख्या में लोग पहुंचे। शहर के मध्य स्थित स्टेडियम अपराह्न दो बजे तक भर गया था। इसके दो घंटे बाद मोदी मंच पर पहुंचे।
आयोजकों और पुलिस ने स्टेडियम के दरवाजे बंद कर दिए। उन्हें उमड़ी भीड़ को नियंत्रित करने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। जो लोग स्टेडियम में नहीं आ सके, उन्हें पास के निजाम कॉलेज मैदान में जमा होने की सलाह दी गई, जहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सभा के जीवंत प्रसार के लिए एलईडी स्क्रीन लगा रखे हैं।
भाजपा नेताओं ने कहा कि सभा के लिए कुल 120,000 लोगों ने पंजीकरण कराया था जबकि स्टेडियम की क्षमता 70,000 लोगों की है।
पार्टी ने सभा में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति से पांच रुपये इकट्ठा किए हैं, और यह राशि बाढ़ प्रभावित उत्तराखंड राज्य को दी जाएगी।
हैदराबाद और सिकंदराबाद तथा अन्य पड़ोसी जिलों से भारी भीड़ मोदी को सुनने के लिए सुबह से ही जमा होने लगी थी।
पूर्व में, नरेंद्र मोदी ने हैदराबाद पहुंचने के बाद वरिष्ठ नेता वेंकैया नायडू, पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष बंगारू लक्ष्मण, पूर्व नौकरशाहों समेत पार्टी के अनेक नेताओं से मुलाकात की। भाजपा के नेताओं के अलावा पूर्व केंद्रीय गृह सचिव के पद्मनाभैया, पूर्व डीजीपी गोपीनाथ रेड्डी और अन्य कई लोगों ने मोदी से मुलाकात की। भाजपा नेताओं ने बेगमपेट हवाई अड्डे पर मोदी का शानदार स्वागत किया।
ध्यान रहे, कांग्रेस ने 30 जुलाई को पृथक तेलंगाना राज्य बनाने की घोषणा की थी, तब से तटीय आंध्र और रायलसीमा में व्यापक आंदोलन चल रहा है। भाजपा की प्रदेश कार्यकारिणी ने तिरूपति में 1-2 जुलाई की अपनी बैठक में रायलसीमा के अपने नेताओं एव कार्यकर्ताओं से मोदी की रैली के लिए 10 हजार लोगों को जुटाने का निर्देश दिया था।
बाद में, एकीकृत आंध्रप्रदेश के लिए चल रहे आंदोलन को देखते हुए रायलसीमा के भाजपा नेताओं ने हाल ही में हैदराबाद में प्रदेश अध्यक्ष के साथ बैठक में यह संख्या घटाकर दो हजार कर दी।
अन्य दो क्षेत्रों की कीमत पर भाजपा द्वारा तेलंगाना का खुलकर समर्थन करने से रायलसीमा के पार्टी कार्यकर्ताओं को गहरी निराशा हुई। रायलसीमा में कडप्पा, कुरनुल, अनंतपुर और चित्तूर जिले शामिल हैं।
तेलंगाना पर भगवा दल के रुख के खिलाफ लोगों में नाराजगी को ध्यान में रखते हुए इन जिलों के भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने हैदराबाद की रैली से दूर रहने का ही निर्णय लिया है।
(इनपुट भाषा से भी)
नए सहयोगी दलों को लुभाने के प्रयास के तहत गुजरात के मुख्यमंत्री ने विशेष तौर पर तेलगू देशम पार्टी (तेदेपा) से अपील की। उन्होंने कहा कि यह उसकी जिम्मेदारी है कि केंद्र में सरकार को कांग्रेस मुक्त बनाया जाए। तेदेपा ने आंध्र प्रदेश में दिवंगत एनटी रामाराव की विरासत हासिल की है। रामाराव आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री थे।
मोदी ने भाजपा द्वारा यहां लाल बहादुर शास्त्री स्टेडियम में आयोजित विशाल रैली को संबोधित करते हुए कहा, ‘मैं यहां आंध्र प्रदेश में सभी राजनैतिक दलों से अपील करता हूं कि गैर कांग्रेसी सरकार प्रदान करने से बेहतर एनटीआर को क्या श्रद्धांजलि हो सकती है।’ उन्होंने कहा, ‘जो लोग एनटीआर की विरासत पर दावा करते हैं, उनका पहला कर्तव्य गैर कांग्रेसी सरकार लाने के लिए हरसंभव प्रयास करना है। इस संबंध में सबकुछ करना उनका कर्तव्य होना चाहिए। मैं आश्वस्त हूं कि आंध्र प्रदेश के राजनैतिक दल गैर कांग्रेसी सरकार लाने और इस वंशवादी शासन को समाप्त करने के लिए कोई भी प्रयास नहीं छोड़ेंगे।’ तेदेपा को विशेष तौर पर संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, ‘एनटीआर के स्वप्न को पूरा करना उनका कर्तव्य है।’
इससे पहले, मोदी की यहां एलबी स्टेडियम में आयोजित सभा में उन्हें सुनने के लिए रविवार को हजारों की संख्या में लोग पहुंचे। शहर के मध्य स्थित स्टेडियम अपराह्न दो बजे तक भर गया था। इसके दो घंटे बाद मोदी मंच पर पहुंचे।
आयोजकों और पुलिस ने स्टेडियम के दरवाजे बंद कर दिए। उन्हें उमड़ी भीड़ को नियंत्रित करने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। जो लोग स्टेडियम में नहीं आ सके, उन्हें पास के निजाम कॉलेज मैदान में जमा होने की सलाह दी गई, जहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सभा के जीवंत प्रसार के लिए एलईडी स्क्रीन लगा रखे हैं।
भाजपा नेताओं ने कहा कि सभा के लिए कुल 120,000 लोगों ने पंजीकरण कराया था जबकि स्टेडियम की क्षमता 70,000 लोगों की है।
पार्टी ने सभा में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति से पांच रुपये इकट्ठा किए हैं, और यह राशि बाढ़ प्रभावित उत्तराखंड राज्य को दी जाएगी।
हैदराबाद और सिकंदराबाद तथा अन्य पड़ोसी जिलों से भारी भीड़ मोदी को सुनने के लिए सुबह से ही जमा होने लगी थी।
पूर्व में, नरेंद्र मोदी ने हैदराबाद पहुंचने के बाद वरिष्ठ नेता वेंकैया नायडू, पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष बंगारू लक्ष्मण, पूर्व नौकरशाहों समेत पार्टी के अनेक नेताओं से मुलाकात की। भाजपा के नेताओं के अलावा पूर्व केंद्रीय गृह सचिव के पद्मनाभैया, पूर्व डीजीपी गोपीनाथ रेड्डी और अन्य कई लोगों ने मोदी से मुलाकात की। भाजपा नेताओं ने बेगमपेट हवाई अड्डे पर मोदी का शानदार स्वागत किया।
ध्यान रहे, कांग्रेस ने 30 जुलाई को पृथक तेलंगाना राज्य बनाने की घोषणा की थी, तब से तटीय आंध्र और रायलसीमा में व्यापक आंदोलन चल रहा है। भाजपा की प्रदेश कार्यकारिणी ने तिरूपति में 1-2 जुलाई की अपनी बैठक में रायलसीमा के अपने नेताओं एव कार्यकर्ताओं से मोदी की रैली के लिए 10 हजार लोगों को जुटाने का निर्देश दिया था।
बाद में, एकीकृत आंध्रप्रदेश के लिए चल रहे आंदोलन को देखते हुए रायलसीमा के भाजपा नेताओं ने हाल ही में हैदराबाद में प्रदेश अध्यक्ष के साथ बैठक में यह संख्या घटाकर दो हजार कर दी।
अन्य दो क्षेत्रों की कीमत पर भाजपा द्वारा तेलंगाना का खुलकर समर्थन करने से रायलसीमा के पार्टी कार्यकर्ताओं को गहरी निराशा हुई। रायलसीमा में कडप्पा, कुरनुल, अनंतपुर और चित्तूर जिले शामिल हैं।
तेलंगाना पर भगवा दल के रुख के खिलाफ लोगों में नाराजगी को ध्यान में रखते हुए इन जिलों के भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने हैदराबाद की रैली से दूर रहने का ही निर्णय लिया है।
(इनपुट भाषा से भी)
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