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Ground Report: कैसे सुलगा नागपुर, कब क्या-क्या हुआ, लोगों ने बताया आंखो देखा हाल

Nagpur Violence Ground Report: महाल और चिटणीस पार्क इलाके नागपुर के लिए बेहद खास हैं. चिटणीस पार्क एक व्यस्त रिहायशी और व्यावसायिक क्षेत्र है.यह बेहद व्यस्त इलाका माना जाता है.

Nagpur Violence Incident: नागपुर महाराष्ट्र का एक ऐसा शहर है जो अपने ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व के लिए जाना जाता है. हालांकि सोमवार को शहर के मध्य में स्थित महाल और चिटणीस पार्क जैसे इलाकों में दंगाइयों ने जमकर उत्पात मचाया. पथराव, आगजनी और हिंसा की घटनाओं ने इस शांत शहर को हिलाकर रख दिया. इस घटना में कई लोग घायल हो गए कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया और संपत्ति को भारी नुकसान पहुंचा.  पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए कड़े कदम उठाए, लेकिन शहर में तनाव का माहौल अभी भी बना हुआ है. आइए जानते हैं इसके पीछे क्या कारण थे. कैसे हुई हिंसा.

कैसे हुई हिंसा की शुरुआत

सोमवार की सुबह नागपुर (Nagpur Violence) में सब कुछ सामान्य था. लोग अपने रोजमर्रा के कामों में व्यस्त थे, बाजारों में चहल-पहल थी और सड़कों पर आवाजाही का सिलसिला चल रहा था. लेकिन दोपहर होते-होते एक अफवाह ने पूरे शहर का माहौल बदल दिया. सोशल मीडिया और मैसेज के जरिए तरह-तरह की अफवाहें फैलनी लगी. कुछ ही घंटों में महाल और चिटणीस पार्क जैसे इलाके, जो नागपुर के सबसे पुराने और व्यस्त इलाकों में से हैं, हिंसा की चपेट में आ गए. 

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स्थानीय लोगों के अनुसार, यह अफवाह सच थी या नहीं, इसकी पुष्टि करने की कोशिश करने के बजाय कुछ असामाजिक तत्वों ने मौके का फायदा उठाया और हिंसा को हवा दे दी. पथराव शुरू हुआ, दुकानों के शीशे तोड़े गए और सड़कों पर खड़ी गाड़ियों को निशाना बनाया गया. देखते ही देखते आगजनी की घटनाएं होने लगीं. प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि कुछ युवाओं के समूह हाथों में पत्थर और डंडे लिए सड़कों पर उतर आए थे, और उनका गुस्सा किसी भी तरह से नियंत्रित नहीं हो रहा था. 

महाल और चिटणीस पार्क हैं बेहद महत्वपूर्ण इलाके

महाल और चिटणीस पार्क इलाके नागपुर के लिए बेहद खास हैं. महाल, जहां ऐतिहासिक गोंड राजवंश का किला और महल स्थित है, शहर का सांस्कृतिक और ऐतिहासिक केंद्र माना जाता है. दूसरी ओर, चिटणीस पार्क एक व्यस्त रिहायशी और व्यावसायिक क्षेत्र है, जहां हर दिन हजारों लोग आते-जाते हैं.  ये दोनों इलाके नागपुर की पहचान की तरह हैं.

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पुलिस ने भीड़ को किया नियंत्रित

पुलिस ने हिंसा में शामिल संदिग्धों की पहचान शुरू कर दी है और कई लोगों को हिरासत में लिया गया है.  सीसीटीवी फुटेज और सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो की मदद से जांच की जा रही है ताकि दोषियों को सजा दी जा सके.  पुलिस आयुक्त ने एक बयान में कहा, "हम स्थिति को पूरी तरह से नियंत्रण में लाने की कोशिश कर रहे हैं. अफवाहों पर ध्यान न दें और शांति बनाए रखें. दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. "

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विपक्ष ने सरकार पर साधा निशाना

 विपक्ष जहां इस मुद्दे पर महाराष्ट्र की देवेंद्र फडणवीस सरकार को घेरने की कोशिशों में जुटी है वहीं राज्य सरकार इस दंगे में शामिल उपद्रवियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की बात कर रही है. इन सब के बीच शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट के नेता संजय राउत ने भी देवेंद्र फडणवीस सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि नागपुर में हिंसा होने का कोई कारण ही नहीं है. नागपुर आरएसएस का गढ़ है, वो क्षेत्र देवेंद्र फडणवीस का है. वहां कोई दंगा करने का हिम्मत नहीं कर सकता. ये नया पैटर्न है. ये औरंगजेब के नाम से भय और डर पैदा करने की कोशिश की जा रही है. देवेंद्र फडणवीस सरकार को दंगा करने वालों पर मकोका लगाना चाहिए. 

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