कोहिमा:
गुरुवार को घोषित नागालैंड विधानसभा चुनाव परिणाम के मुताबिक राज्य में सत्ताधारी नागालैंड पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) की सत्ता बरकरार रहेगी। नागालैंड में नगा पीपल्स फ्रंट ने 38 सीटों पर जीत दर्ज कर दो तिहाई बहुमत हासिल कर लिया और पार्टी अब राज्य में तीसरी बार सरकार बनाने को तैयार है।
नगा पीपल्स फ्रंट ने 59 में से 38 सीटें जीतीं हैं। पार्टी ने पिछली बार के मुकाबले 12 सीटें अधिक जीतीं। पिछली बार इसे 26 सीटें मिली थीं। एक उम्मीदवार के निधन के चलते राज्य में एक सीट पर चुनाव रद्द कर दिए गए थे।
सत्ताधारी गठबंधन डीएएन के घटक के तौर पर मैदान में उतरे भारतीय जनता पार्टी और जनता दल-युनाइटेड ने एक-एक सीट पर विजय पाई है।
एनसीपी ने पिछले चुनाव के मुकाबले अधिक सीटों पर जीत दर्ज की है। 2008 के चुनाव में पार्टी ने 2 सीटों पर जीत दर्ज की थी और इस बार उसे चार सीटों पर जीत हासिल हुई है।
नागालैंड के मुख्यमंत्री नीफू रियो की उत्तरी अंगामी सीट पर पांचवीं बार जीत दर्ज की है। शिक्षा मंत्री नयेवांग कोनयक हालांकि कांग्रेस के उम्मीदवार इशाक कोनयाक से अबोई सीट हार गए हैं।
पुघोबोटो सीट पर एनपीएफ के वाई विखेहो स्वु ने कांग्रेस के निवर्तमान विधायक जोशुआ सुमी को हराया। चुनाव मैदान में कुल 188 प्रत्याशी थे।
एनपीएफ सरकार को पिछले एक दशक से राज्य में कायम शांति के लिए किए गए प्रयासों का लाभ मिलने की उम्मीद थी। प्रचार के दौरान कांग्रेस का मुख्य जोर भ्रष्टाचार पर रहा।
जहां एनपीएफ ने भाजपा और जद-यू के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन किया था, वहीं कांग्रेस को जीत के बाद समान विचारधारा वाली पार्टियों और स्वतंत्र रूप से चुनाव जीतने वाले प्रत्याशियों को अपने खेमे में करने का भरोसा था।
वर्ष 2008 के विधानसभा चुनाव में एनपीएफ को 26 सीटें और कांग्रेस को 23 हासिल हुई थी। भाजपा और राकांपा ने दो-दो सीटें जीतीं थीं और सात निर्दलीय विधायक चुने गए थे।
नगा पीपल्स फ्रंट ने 59 में से 38 सीटें जीतीं हैं। पार्टी ने पिछली बार के मुकाबले 12 सीटें अधिक जीतीं। पिछली बार इसे 26 सीटें मिली थीं। एक उम्मीदवार के निधन के चलते राज्य में एक सीट पर चुनाव रद्द कर दिए गए थे।
सत्ताधारी गठबंधन डीएएन के घटक के तौर पर मैदान में उतरे भारतीय जनता पार्टी और जनता दल-युनाइटेड ने एक-एक सीट पर विजय पाई है।
एनसीपी ने पिछले चुनाव के मुकाबले अधिक सीटों पर जीत दर्ज की है। 2008 के चुनाव में पार्टी ने 2 सीटों पर जीत दर्ज की थी और इस बार उसे चार सीटों पर जीत हासिल हुई है।
नागालैंड के मुख्यमंत्री नीफू रियो की उत्तरी अंगामी सीट पर पांचवीं बार जीत दर्ज की है। शिक्षा मंत्री नयेवांग कोनयक हालांकि कांग्रेस के उम्मीदवार इशाक कोनयाक से अबोई सीट हार गए हैं।
पुघोबोटो सीट पर एनपीएफ के वाई विखेहो स्वु ने कांग्रेस के निवर्तमान विधायक जोशुआ सुमी को हराया। चुनाव मैदान में कुल 188 प्रत्याशी थे।
एनपीएफ सरकार को पिछले एक दशक से राज्य में कायम शांति के लिए किए गए प्रयासों का लाभ मिलने की उम्मीद थी। प्रचार के दौरान कांग्रेस का मुख्य जोर भ्रष्टाचार पर रहा।
जहां एनपीएफ ने भाजपा और जद-यू के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन किया था, वहीं कांग्रेस को जीत के बाद समान विचारधारा वाली पार्टियों और स्वतंत्र रूप से चुनाव जीतने वाले प्रत्याशियों को अपने खेमे में करने का भरोसा था।
वर्ष 2008 के विधानसभा चुनाव में एनपीएफ को 26 सीटें और कांग्रेस को 23 हासिल हुई थी। भाजपा और राकांपा ने दो-दो सीटें जीतीं थीं और सात निर्दलीय विधायक चुने गए थे।
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