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आंध्र प्रदेश में 'रहस्यमयी बीमारी' ने ली 20 लोगों की जान, मुख्यमंत्री ने की स्वास्थ्य आपातकाल की घोषणा

स्वास्थ्य अधिकारियों ने मौतों में एक पैटर्न देखा है, जिसमें ज़्यादातर पीड़ित लगभग 55 वर्ष की आयु के पुरुष थे. जिन्हें अन्य स्वास्थ्य समस्याएं भी थीं. लक्षण बुखार और खांसी से शुरू होकर फेफड़ों तक पहुंच रहे हैं. फेफड़ों को गंभीर नुकसान पहुंचा रहे हैं.

आंध्र प्रदेश में 'रहस्यमयी बीमारी' ने ली 20 लोगों की जान, मुख्यमंत्री ने की स्वास्थ्य आपातकाल की घोषणा
अधिकारियों को मेलियोइडोसिस नामक एक जीवाणु संक्रमण का संदेह है
  • आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले के तुराकापालेम गांव में रहस्यमय बीमारी से 20 लोगों की मौत हो गई है.
  • मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने स्वास्थ्य आपातकाल घोषित कर उच्च-स्तरीय चिकित्सा टीम जांच के लिए भेजी है.
  • प्रारंभिक रिपोर्टों में मेलियोइडोसिस जीवाणु संक्रमण की पुष्टि हुई है. ये मिट्टी, रुके पानी में पाया जाता है.
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गुंटूर:

आंध्र प्रदेश के गुंटूर ज़िले के एक गांव में 'रहस्यमय बीमारी' के कारण दो महीनों में कम से कम 20 लोगों की मौत हो गई है. मामले की गंभीरता को देखते हुए आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने शुक्रवार को तुराकापालेम गांव में स्वास्थ्य आपातकाल की घोषणा कर दी है और जांच के लिए उच्च-स्तरीय चिकित्सा दल भेजा गया है. स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि चिकित्सा शिक्षा निदेशक डॉ. रघुनंदन के नेतृत्व में एक टीम ने गहन जांच के लिए तुराकापालेम गांव का दौरा किया है और जांच ​​जारी है. अधिकारियों को मेलियोइडोसिस नामक एक जीवाणु संक्रमण का संदेह है. यह संदेह प्रारंभिक प्रयोगशाला रिपोर्टों पर आधारित है, जिनमें ग्रामीणों में इस संक्रमण के दो मामलों की पुष्टि हुई है.

मेलियोइडोसिस एक गंभीर जीवाणु संक्रमण है जो बर्कहोल्डेरिया स्यूडोमैली नामक जीवाणु के कारण होता है, जो आमतौर पर मिट्टी और रुके हुए पानी में पाया जाता है. खासकर मानसून और बाढ़ के मौसम में ये फैलता है. हालांकि इसका इलाज एंटीबायोटिक दवाओं के लंबे कोर्स से संभव है, लेकिन समय पर इलाज होना बेहद जरूरी है.

2,500 निवासियों की स्वास्थ्य जांच के आदेश

रहस्यमय बीमारी को देखते हुए सभी 2,500 निवासियों की व्यापक स्वास्थ्य जांच का आदेश दिया गया है. जिसमें गुर्दे की कार्यप्रणाली, रक्तचाप और रक्त शर्करा के स्तर की जांच शामिल है. दरअसल मेलियोइडोसिस मधुमेह जैसी पहले से मौजूद बीमारियों वाले व्यक्तियों को प्रभावित करता है.

स्वास्थ्य अधिकारियों ने मौतों में एक पैटर्न देखा है, जिसमें ज़्यादातर पीड़ित लगभग 55 वर्ष की आयु के पुरुष थे. जिन्हें अन्य स्वास्थ्य समस्याएं भी थीं. लक्षण बुखार और खांसी से शुरू होकर फेफड़ों तक पहुंच रहे हैं. फेफड़ों को गंभीर नुकसान पहुंचा रहे हैं.

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