सुशील कुमार शिंदे का फाइल फोटो।
नई दिल्ली/लखनऊ:
गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कहा है कि मंत्रालय की ओर से यूपी की अखिलेश सरकार को आगाह कर दिया गया था।
शिंदे ने बताया कि राज्य सरकार को तेजी से हुए घटनाक्रम की पूरी जानकारी दी गई थी लेकिन एहियाती कदम नहीं उठाए गए।
इधर, हिंसा के समूचे घटनाक्रम की जांच के लिए एक सदस्यीय न्यायिक आयोग गठित किया। आयोग दो महीने में अपनी रिपोर्ट देगा।
गृह विभाग के सचिव कमल सक्सेना ने बताया कि मुजफ्फरनगर में साम्प्रदायिक दंगे की जांच के लिए पूर्व न्यायाधीश विष्णु सहाय की अध्यक्षता में एक सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया गया है। उन्होंने बताया कि यह आयोग गत 27 अगस्त को मुजफ्फरनगर के कवाल गांव में तीन लोगों की हत्या से लेकर नौ सितम्बर के बीच हुए घटनाक्रम के बारे में अपनी रिपोर्ट देगा। आयोग खासकर इसकी जांच करेगा कि प्रशासन से कहां-कहां ढिलाई या चूक हुई।
सक्सेना ने बताया कि आयोग को अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए दो महीने का समय दिया गया है।
शिंदे ने बताया कि राज्य सरकार को तेजी से हुए घटनाक्रम की पूरी जानकारी दी गई थी लेकिन एहियाती कदम नहीं उठाए गए।
इधर, हिंसा के समूचे घटनाक्रम की जांच के लिए एक सदस्यीय न्यायिक आयोग गठित किया। आयोग दो महीने में अपनी रिपोर्ट देगा।
गृह विभाग के सचिव कमल सक्सेना ने बताया कि मुजफ्फरनगर में साम्प्रदायिक दंगे की जांच के लिए पूर्व न्यायाधीश विष्णु सहाय की अध्यक्षता में एक सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया गया है। उन्होंने बताया कि यह आयोग गत 27 अगस्त को मुजफ्फरनगर के कवाल गांव में तीन लोगों की हत्या से लेकर नौ सितम्बर के बीच हुए घटनाक्रम के बारे में अपनी रिपोर्ट देगा। आयोग खासकर इसकी जांच करेगा कि प्रशासन से कहां-कहां ढिलाई या चूक हुई।
सक्सेना ने बताया कि आयोग को अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए दो महीने का समय दिया गया है।
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