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This Article is From Feb 26, 2025

गुजरात में धीरे-धीरे मुसलमान भी आ रहे हैं BJP के साथ, स्थानीय चुनाव में जीते हैं इतने मुसलमान

पिछले हफ्ते गुजरात में आए स्थानीय निकाय के चुनाव परिणामों में बीजेपी के टिकट पर 76 मुसलमान जीते हैं. बीजेपी ने इस चुनाव में कुल 103 मुसलमानों को उम्मीदवार बनाया था. जानें कैसा रहा कांग्रेस का प्रदर्शन.

गुजरात में धीरे-धीरे मुसलमान भी आ रहे हैं BJP के साथ, स्थानीय चुनाव में जीते हैं इतने मुसलमान
नई दिल्ली:

गुजरात में हुए स्थानीय निकाय चुनाव के नतीजों ने किसी को नहीं चौंकाया. नतीजे उम्मीद के मुताबिक ही रहे. बीजेपी ने एकतरफा जीत दर्ज करते हुए 2171 सीटों में से 1608 सीटों पर जीत दर्ज की है. ये सीटें राज्य के नगर निकायों और जिला-तालुका पंचायतों में हैं. प्रदेश के 66 नगर पंचायतों में ये चुनाव कराए गए. दो में उपचुनाव भी कराया गया. इन नतीजों में खास बात यह रही है कि बड़ी संख्या में मुसलमानों ने बीजेपी के टिकट पर जीत दर्ज की है. बीजेपी ने उन जिलों में भी जीत दर्ज की है, जहां मुस्लिम अच्छी खासी संख्या में और परिणामों को प्रभावित करते हैं. इस चुनाव में कांग्रेस को गहरा झटका लगा है. गुजरात के स्थानीय निकाय चुनाव में मुसलमानों का दल बनने की कोशिश कर रही, एआईएमआईएम भी उतरी थी. लेकिन उसे केवल एक सीट मिली है. 

मुसलमानों में बढ़ती बीजेपी की पैठ

इससे पहले 2018 में स्थानीय निकाय चुनाव कराए गए थे. उसमें बीजेपी के टिकट पर 46 मुसलमान जीते थे. इस साल बीजेपी के टिकट पर 76 मुसलमान जीते हैं. उसने 103 मुसलमानों को टिकट दिए थे. इस बार के चुनाव में पाटन, खेड़ा, पंचमहल और जूनागढ़ जैसे जिलों में भी मुसलमान बीजेपी के टिकट पर जीते हैं. पिछले चुनाव में इन जिलों में बीजेपी के टिकट पर कोई मुसलमान उम्मीदवार नहीं जीत पाया था. इस बार खेड़ा जिले की तीन नगर पंचायतों में नौ, पाटन जिले के राधनपुर में पांच, जूनागढ़ के वनथाली नगर पंचायत में छह, पंचमहल जिले की दो नगर पंचायतों में पांच मुस्लिम नगर पार्षद होंगे.

बीजेपी ने 103 मुसलमान उम्मीदवार उतारे थे, इनमें से 73 ने जीत हासिल की है.

बीजेपी ने 103 मुसलमान उम्मीदवार उतारे थे, इनमें से 73 ने जीत हासिल की है.

केवल बीजेपी के टिकट पर ही नहीं बल्कि दूसरे दलों के टिकट या निर्दलीय लड़कर जीते मुसलमानों की संख्या भी गुजरात में बढ़ी है. साल 2018 के चुनाव में 252 मुसलमान चुनाव जीते थे. वहीं इस साल के चुनाव में कुल 275 मुसलमान जीते हैं. स्थानीय निकाय चुनाव में जीते मुसलमानों में बीजेपी का हिस्सा करीब 28 फीसदी का है. इस बार भी सबसे अधिक मुसलमान कांग्रेस के टिकट पर जीते हैं. इस जीत में उसकी हिस्सेदारी 39 फीसदी की है.वहीं इस जीत में आम आदमी पार्टी की हिस्सेदारी करीब पांच फीसदी की है. उसके टिकट पर  13 मुसलमान चुनाव जीते हैं. इसमें जामनगर की सालाया नगर पंचायत भी शामिल है, जहां आप के 11 मुसलमान उम्मीदवार जीते हैं. इस पंचायत में बीजेपी एक भी सीट नहीं जीत पाई है. 

बीजेपी वहां भी जीती जहां तोड़ी गई थीं दरगाहें

बीजेपी के मुस्लिम उम्मीदवारों ने गिर सोमनाथ और जामनगर जिले की उन सीटों पर भी जीत दर्ज की है, जहां सरकारी जमीनों को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए बड़े पैमाने पर तोड़फोड़ की कार्रवाई की गई है. इसे कुछ लोग एक समुदाय विशेष के खिलाफ कार्रवाई बता रहे हैं. वहां तोड़ी गए एक दरगाह को लोग सैकड़ों साल पुरानी बता रहे हैं. 

आधी रह गई है कांग्रेस की ताकत

साल 2018 के चुनाव में कांग्रेस ने 2064 सीटों में से 632 पर जीत दर्ज की थी. लेकिन इस चुनाव में वह केवल 252 सीटें ही जीत पाई. 2018 के चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर 133 मुसलमान जीते थे. लेकिन इस बार केवल 109 ही जीत पाए हैं. इस बार के चुनाव में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम भी मैदान में थी. लेकिन उसे अपेक्षित सफलता नहीं मिल सकी है. उसने 72 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे. लेकिन केवल एक सीट ही जीत पाई. उसे राजकोट जिले की उपलेटा तालुका पंचायत की एक सीट पर सफलता मिली है. खास बात यह रही है कि एमआईएम के 71 में से 12 उम्मीदवार मुस्लिम थे.  

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