संस्था 'इंडियन मुस्लिम्स फॉर पीस' के बैनर तले देश के तमाम मुस्लिम बुद्धिजीवियों ने लखनऊ में एक सम्मेलन आयोजित किया. इस सम्मेलन में मुस्लिम बुद्धिजीवियों ने मांग की कि अयोध्या (Ayodhya) में विवादित जमीन भगवान राम का मंदिर बनाने के लिए दे दी जाए. इससे देश में सद्भावना का माहौल बनेगा. दूसरों के जज़्बात का ख़याल रखने पर ही वे आपके जज़्बात का ख़याल रखेंगे. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या केस की सुनवाई चल रही है. सुनवाई 17 अक्टूबर तक होगी और नवंबर में इस मामले में फैसला आएगा. इससे पहले मुस्लिम बुद्धिजीवियों की यह पहल काफी अहमियत रखती है.
इस सम्मेलन में मशहूर अभिनेता नसीरुद्दीन शाह के बड़े भाई लेफ्टिनेंट जनरल जमीरुद्दीन शाह, मशहूर कार्डियोलाजिस्ट पद्मश्री डॉ मंसूर हसन, ब्रिगेडियर अहमद अली, पूर्व आईएएस अनीस अंसारी, रिज़वी, पूर्व आईपीएस पूर्व जज बीडी नकवी, डॉ कौसर उस्मान समेत बड़े पैमाने पर मुस्लिम बुद्धिजीवी शामिल हुए.
लेफ्टिनेंट जनरल जमीरुद्दीन शाह ने NDTV से कहा कि 'अदालत से बाहर बैठक कर विवादित जमीन मंदिर बनाने के लिए हिंदुओं को दे देना चाहिए. और अगर मुसलमानों को अदालत से वह जमीन मस्जिद के लिए मिल भी जाए तो भी उसे हिंदुओं को गिफ्ट कर देनी चाहिए.'
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ब्रिगेडियर अहमद अली ने NDTV से कहा कि 'मुल्क में बेहतर माहौल बनाने के लिए मुसलमानों को इतनी कुर्बानी जरूर देनी चाहिए क्योंकि आम हिंदू की आस्था है कि उसी जगह पर भगवान राम का जन्म हुआ था. जब आप दूसरों के जज़्बात का ख़याल रखेंगे तभी वे आपके जज़्बात का ख़याल रखेंगे.'
VIDEO : अयोध्या मामले में मध्यस्थता की गुजारिश
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