
वक्फ संशोधन विधेयक पर हुई हिंसा ने पश्चिम बंगाल की सरकार को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है. कलकत्ता हाई कोर्ट ने ममता सरकार से हिंसा प्रभावित मुर्शिदाबाद की स्थिति पर जवाब मांगा था. अब इस पर राज्य की सरकार ने एक रिपोर्ट जारी कर मुर्शिदाबाद की स्थिति के बारे में जानकारी दी है.
नियंत्रण में है स्थिति
पश्चिम बंगाल में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने कोलकाता हाई कोर्ट में एक याचिका लगाई थी. उन्होंने दावा किया था कि मुस्लिम बहुल जिले में सांप्रदायिक दंगों के दौरान बम विस्फोट हुए थे. न्यायमूर्ति सौमेन सेन और न्यायमूर्ति राजा बसु चौधरी की खंडपीठ इसी याचिका पर सुनवाई कर रही थी. ममता सरकार द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया मुर्शिदाबाद जिले में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति नियंत्रण में है.
पलायन करने वाले परिवार घर लौटे
राज्य सरकार ने अदालत के समक्ष यह भी कहा कि जिले में हिंसा को रोकने के लिए पुलिस और प्रशासन द्वारा पर्याप्त कदम उठाए गए हैं. सरकार ने दावा किया कि पलायन करने वाले कुछ प्रभावित परिवार पहले ही अपने घर लौट चुके हैं. आप से बता दें कि मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा के बाद जिले से कई परिवार पलायन करने पर मजबूर हो गए थे.
NIA को सौंपी जाए जांच
शुभेंदु अधिकारी ने अपने याचिका में कोर्ट से जांच को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंपने की गुजारिश की थी. वहीं केंद्र की ओर से पेश वकील ने अदालत के समक्ष अनुरोध किया कि मुर्शिदाबाद में सीएपीएफ (केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल) की तैनाती को जिले की जमीनी स्थिति की संवेदनशीलता को देखते हुए कुछ समय के लिए और बढ़ा दिया जाए. गौरतलब हो कि हिंसा को रोकने के लिए उपद्रवग्रस्त सुती, शमसेरगंज-धुलियान इलाकों में फिलहाल केंद्रीय बलों की लगभग 17 कंपनियां तैनात हैं.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं