क्या कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण के चलते गर्भपात (Miscarriage) का खतरा बढ़ गया है? मुंबई (Mumbai) में ऐसा पहला मामला सामने आया है. ICMR के रिसर्च इंस्टीट्यूट नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च इन रिप्रोडक्टिव हेल्थ (NIRRH) ने इसकी पुष्टि की है. इस पर कई अस्पतालों के साथ जुड़कर रिसर्च जारी है. डॉक्टर इशारा कर रहे हैं कि कोरोना काल में फ़ैमिली प्लानिंग में बहुत सावधानी बरतने की ज़रूरत है. मुंबई में कोविड के कारण गर्भपात का पहला मामला सामने आया है. प्लेसेंटा, फेटस भी पॉज़िटिव पाया गया. महिला से उसे बच्चे में कोविड-19 (Covid-19) का संक्रमण पहुंचा.
इस कोरोना काल में गर्भवती महिलाओं को ज़्यादा सतर्कता की ज़रूरत है. मुंबई में तीन महीने से गर्भवती एक महिला की गर्भनाल पर हुए कोरोना वायरस के अटैक से डॉक्टर हैरान हैं. बताया जा रहा है कि कोविड-19 संक्रमण के चलते महिला का गर्भपात हो गया. इस केस पर रिसर्च कर रहे नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च इन रिप्रोडक्टिव हेल्थ के मुताबिक यह ऐसा पहला मामला है.
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च इन रिप्रोडक्टिव हेल्थ की निदेशक डॉ स्मिता महाले ने कहा कि ‘'इस पेशेंट का प्लेसेंटा इन्फ़ेक्टेड था. आरटीपीसीआर द्वारा टेस्ट किया, पॉज़िटिव आया. प्लेसेंटा और फ़्लूइड पॉज़िटिव आया. अबोर्टेड फेटस भी पॉजिटिव आया. इस केस में हम समझते हैं कि माता से बच्चे को संक्रमण हुआ. ऐसा नहीं है कि सभी केस में वर्टिकल ट्रांसमिशन हो सकता है. रिपोर्ट के अनुसार 8-10% प्रेगनेंट औरतें अपने बच्चों में संक्रमण ट्रांसफर कर सकती हैं.''
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यूं तो कई कोरोना पॉजिटिव महिलाओं के बच्चे स्वस्थ और कोरोना मुक्त हुए हैं लेकिन डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना काल में फ़ैमिली प्लानिंग ज़रा सावधानी से बरतने की ज़रूरत है. फ़िलहाल मुंबई के कई अहम अस्पतालों से जुड़कर इस पर एक स्टडी चल रही है क्योंकि पूरी दुनिया में गर्भ में भ्रूण तक कोरोना का असर पहुंचने के बारे में बेहद कम जानकारी मिल सकी है.
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