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This Article is From Nov 16, 2015

मुंबई की सुरक्षा की समीक्षा जरूरी, आतंकी वारदातों के तरीके बदले

मुंबई की सुरक्षा की समीक्षा जरूरी, आतंकी वारदातों के तरीके बदले
मुंबई में हुए आतंकी हमले का फाइल फोटो
मुंबई: आतंकवाद के ताजा जख्म पेरिस को मिले हैं लेकिन इसकी टीस दुनिया भर सहित मुंबई को भी है। पूरी दुनिया में आतंकी हमलों को लेकर एहतियात और सुरक्षा उपायों पर बहस शुरू हो गई है। 26/11 आतंकी हमलों के बाद मुंबई को भी महफूज करने के लिए कई उपाय किए गए थे लेकिन जानकार मानते हैं कि बदले वक्त में इन उपायों पर नए सिरे से सुधार और समीक्षा की जरूरत है।

26/11 के हमले के बाद की गईं तैयारियां अब काम की नहीं
मुंबई पुलिस को 26/11 के आतंकी हमलों के बाद आधुनिक बनाने में पूर्व पुलिस कमिश्नर और मौजूदा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार टास्ट फोर्स के सदस्य डी शिवानंदन ने अहम भूमिका निभाई थी। लेकिन उन्हें भी अब लगता है सुरक्षा तैयारियों को फिर से परखना होगा। शिवानंदन के मुताबिक वे तैयारी तब के लिए थीं। अगर उस तरह का हमला फिर हुआ तो उसका मुकाबला किया जा सकता है। लेकिन कोई जरूरी नहीं है कि आतंकी फिर से वैसा ही हमला करेंगे। इसलिए हमें सभी आशंकाओं को ध्यान में रखकर अपनी तैयारी करनी होगी।

मुंबई में किए गए थे व्यापक सुरक्षा इंतजाम
मुंबई में 26/11 के आतंकी हमले के बाद एनएसजी की तर्ज पर फोर्स वन बनाई गई। हमले का फौरन जवाब देने के लिए 1500 जवानों की क्विक रिस्पॉन्स टीम भी बनी। हमले की सूरत में जवानों को लेकर मौत के मुंह में घुसने वाली बुलेटप्रूफ मार्क्समैन जीप ली गई। बम ढूंढने के लिए करोड़ों की लागत से बम स्कैनर वैन, स्नाईपर गन और अन्य अत्याधुनिक हथियार खरीदे गए। समंदर की सरहद को महफूज बनाने के लिए स्पीड बोट, एंफिबिंएस बोट तैनात की गईं ताकि अगर फिर से वैसा कोई हमला तो उसका तुरंत मुंहतोड़ जवाब दिया जा सके।

फोर्स वन और क्विक रिस्पांस टीम भर काम की
आज सात साल बाद हालात बदल चुके हैं और फोर्स वन , क्विक रिस्पॉन्स टीम को छोड़ दें तो बाकी तैयारी और खरीददारी बेकार साबित हुई है। रखरखाव और प्रशिक्षित जवानों के अभाव में ज्यादातर स्पीड बोट और एम्फीबियस बोट या तो खड़ी रहती हैं या फिर कबाड़ में तब्दील हो चुकी हैं। वैसे मौजूदा दौर में मुंबई पुलिस के संयुक्त पुलिस आयुक्त देवेन भारती का दावा है कि समय - समय पर सुरक्षा उपायों की समीक्षा होती रहती है और हम हर तरह के हमलों का सामना करने के लिए तैयार हैं।

आतंकवाद अब अधिक खतरनाक स्वरूप में
यह नहीं भूलना चाहिए कि कभी सिमी, आईएम, एलईटी, अलकायदा और तालिबान की शक्ल वाला आतंक अब आईएसआईएस की शक्ल ले चुका है, जिसकी बर्बरता रूह कंपा देने वाली है। इंटरनेट के जरिए जो दुनिया भर के कई युवकों को बरगलाकर लगातार अपनी ताकत बढ़ा रहा है। मुंबई से सटे कल्याण के भी 4 लड़कों पर इस आतंकी संगठन में शामिल होने का आरोप है। उनमें से सिर्फ आरिब मजीद वापस लौटा है। देश के कई अन्य शहरों से भी ऐसी खबरें आई हैं। यानी इस खूनी संगठन का खतरा भारत पर भी है। ऐसे में देश की आर्थिक राजधानी जितनी चौकन्नी रहे उतना अच्छा।

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