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मुंबई में रीडेवलपमेंट ने पकड़ा जोर! 2,000 से अधिक इमारतों की बदल रही सूरत

बोरीवली, बांद्रा, कोलाबा, अंधेरी और चेंबूर जैसे इलाकों में भी तेजी से हो रहे पुनर्विकास के कारण हज़ारों नए घर बन रहे हैं. रियल एस्टेट एक्सपर्ट विशाल भार्गव ने कहा कि 2000 शायद पेपर पर दिख रहे हों, मेरा अनुमान है की करीब 4000 इमारतें रिडेवलपमेंट में जा चुकी हैं. ब

मुंबई में रीडेवलपमेंट ने पकड़ा जोर! 2,000 से अधिक इमारतों की बदल रही सूरत
मुंबई:

खचाखच भरी मुंबई में नए घरों के लिए अब रीडेवलपमेंट यानी की पुरानी तोड़कर नई बनाने के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचा है. ऐसे में शहर में रिडेवलपमेंट ने खूब जोड़ पकड़ा है. 2000 से ज़्यादा पुरानी इमारतों को गिराकर, नई-ऊंची-भव्य बिल्डिंग्स बन रही हैं. डेवलपर्स में ओनर्स को रिझाने की होड़ मची है. 100% अतिरिक्त जगह जैसे बड़े प्रलोभन दिए जा रहे हैं. लेकिन एक्सपर्ट्स इसे खतरों का खेल बता रहे हैं.

बोरीवली, बांद्रा, कोलाबा, अंधेरी और चेंबूर जैसे इलाकों में भी तेजी से हो रहे पुनर्विकास के कारण हज़ारों नए घर बन रहे हैं. रियल एस्टेट एक्सपर्ट विशाल भार्गव ने कहा कि 2000 शायद पेपर पर दिख रहे हों, मेरा अनुमान है की करीब 4000 इमारतें रिडेवलपमेंट में जा चुकी हैं. बड़े स्तर पर ये चल रहा है. अभी रियल इस्टेट मार्केट बहुत अच्छे संकेत दे रहा है.

वाइजबिज़ डेवलपर्स के फाउंडर पार्टनर चिंतन वसानी ने कहा कि बोरीवली रीडेवलपमेंट का बहुत बड़ा बाज़ार नज़र आ रहा है. सिर्फ़ एक हिस्से में 58 प्रोजेक्ट्स हैं, इट्स इन्सेन. हज़ारों घर टूट कर नए बन रहे हैं क्यूंकि नीचे ज़मीन तो है नहीं, इसलिए ऊपर की तरह ही बढ़ सकते हैं. इसलिए ऊंची इमारतें बनाने के अलावा कोई और विकल्प नहीं, ज़्यादा और नए अच्छे घर तब ही मिल पाएंगे लोगों को क्यूंकि डिमांड अच्छे घरों की बहुत है.

मुंबई का नाम सुनते ही सबसे पहले दिमाग में आता है समंदर. CRZ के नियमों में बदलाव के बाद अब बांद्रा, वर्ली, कोलाबा, मालाबार हिल, नेपियन सी रोड, वर्सोवा जैसे तटीय क्षेत्रों में समंदर किनारे भी ऊंचे और भव्य घर दिखेंगे, इस बदलाव के साथ ही कोविड के बाद से तेज़ी से बढ़ी लग्जरी घरों की मांग हो या बैंक्स का सहयोग, डेवलपर्स को एहसास हुआ है कि अब मुंबई में प्रीमियम लोकेशन तक पहुंचने का एकमात्र तरीका पुनर्विकास यानी रीडेवलपमेंट ही है. इसलिए डेवलपर्स के बीच हाउसिंग सोसाइटी के सदस्यों को जीतने की रेस लगी है. 100% से ज़्यादा रहने की जगह, जैसे कई बड़े प्रलोभन दिए जा रहे हैं.

रियल एस्टेट एक्सपर्ट विशाल भार्गव ने कहा कि शाहरुख खान का घर देखिए. मुंबई के कार्टर रोड पर अमृत सीएचएसएल बिल्डिंग में शाहरुख खान के समुद्र के सामने वाले अपार्टमेंट के पुनर्विकास पर जो बातचीत चल रही है की डेवलपर्स ने निवासियों को 110% से 120% तक अतिरिक्त क्षेत्र देने की पेशकश की. अब आप सोचिए! वैसे 30-40% दी जाती है. अभी के रेस में कुछ भी हो रहा है. पर पैच CRZ में बदलाव के बाद समंदर के पास घरों की डिमांड बढ़ने से भी फ़र्क़ पड़ा है.

चिंतन वसानी ने कहा कि राज्य में लगभग 150 हाउसिंग सोसायटियों को सेल्फ-रीडेवलपमेंट के लिए सहकारी बैंक से लोन प्राप्त हुआ. तो ऐसे सहयोग के बाद अब बैंक्स को बड़े तौर पर रिडेवलपमेंट के लिए आगे आता देख रहे हैं. रेंट में 40% वृद्धि हो चुका है. लगभग हर पॉकेट्स में. रिडेवलपमेंट में घर जा रहा है तो लोग किराए पर घर देख रहे हैं, आस पास मिल नहीं रहे जो मिल रहे हैं वो लगभग 40% ज़्यादा महंगे.

विशाल भार्गव ने कहा कि रोका हुआ शादी होगी की नहीं? अभी रूमाल फेंक कर 20% चांस होता है डेवलपर पीछे हट जाये. सबसे बड़ी दिक्कत तब जब घर टूट जाये, अब जाएंगे कहां? वो तो फंस गए! ऐसे में ये बहुत रिस्की है. एक्सपर्ट्स मानते हैं की अगर कीमतें डेवलपर्स की अपेक्षाओं के स्तर तक नहीं बढ़ती हैं, तो जिन परियोजनाओं के लिए उन्होंने बोली लगाई है वो अलाभकारी हो जायेंगीं. ऐसे में कितने डेवलपर्स अपनी डील पर लंबा टिकेंगे कहना मुश्किल है. 

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