गुरुवार सुबह तक भारत लाया जाएगा मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड.
26 नवंबर 2008 को मुंबई को दहलाने वाले पाकिस्तानी तहव्वुर राणा (Tahawwur Rana Extradition to India) का हिसाब होना अब लगभग तय है, क्यों कि जल्द ही वह भारत पहुंचने वाला है. इन हमलों में मुंबई ने जो भी खोया, उसकी भरपाई तो संभव नहीं. लेकिन मुंबई को दहलाने वाले को सजा दिलवाकर शायद इन जख्मों पर कुछ हद तक मरहम जरूर लगाया जा सके. तहव्वुर राणा 26/11 हमलों का मास्टरमाइंड है. वह लंबे समय से एक अन्य मामले में अमेरिका की जेल में बंद था. भारत सरकार साल 2019 से उसे देश वापस लाने की कोशिशों में जुटी हुई थी. ये कोशिशें अब रंग लाई हैं. तहव्वुर को 10 अप्रैल, गुरुवार सुबह तक भारत लाया जा सकता है. यहां पर वह NIA की कस्टडी में रहेगा. तहव्वुर मामले में अब तक क्या-क्या हुआ, जानिए.
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- 2009 में तहव्वुर को डेनमार्क के एक अखबार पर हमला करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया.
- 2011 में राणा को अखबार पर हमला मामले में दोषी ठहराते हुए 13 साल जेल की सजा सुनाई गई
- 2019 में भारत ने तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण की मांग को लेकर अमेरिका को कूटनीतिक नोट सौंपा
- 2020 में भारत ने राणा की अस्थाई गिरफ्तारी के लिए औपचारिक शिकायत दर्ज कराई
- 13 नवंबर 2024 को अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में प्रत्यर्पण के खिलाफ याचिका दायर की थी.
- 16 दिसंबर 2024 को अमेरिकी सॉलिसिटर जनरल एलिजाबेथ बी. प्रीलोगर ने सुप्रीम कोर्ट से राणा की याचिका खारिज करने का अनुरोध किया.
- 21 जनवरी 2025 को अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने राणा की याचिका खारिज कर दी, जिससे भारत में उनके प्रत्यर्पण का मार्ग प्रशस्त हुआ.
- सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद, अमेरिकी विदेश विभाग ने राणा के प्रत्यर्पण के संबंध में अगले कदमों का मूल्यांकन करने की घोषणा की.
- फरवरी 2025 में ट्रंप ने राणा के भारत प्रत्यर्पण की पुष्टि की
- 7 मार्च 2025 अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट से स्वास्थ्य हवाले पर आतंकी तहव्वुर राणा की याचिका खारिज कर दी.
- तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण की प्रक्रिया अंतिम चरण में है, जिससे 26/11 हमले के पीड़ितों को न्याय मिलना अब तय है.
मुंबई के एक-एक जख्म का होगा हिसाब
अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने कुछ दिन पहले ही 26/11 मुंबई आतंकी हमले के आरोपी तहव्वुर राणा की भारत प्रत्यर्पण पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया था. आतंकी तहव्वुर ने याचिका के जरिए प्रत्यर्पण के फैसले पर रोक लगाने की मांग की थी. उसने बिगड़े स्वास्थ्य और यातना का हवाला दिया था, लेकिन उसका कोई पैंतरा काम नहीं आया. अपनी याचिका की सुनवाई के दौरान राणा भारत न भेजे जाने को लेकर कोर्ट के सामने खूब गिड़गिड़ाया. उसने कोर्ट से यहां तक कह दिया था कि अगर उसे भारत भेजा जाता है को उसे वहां टॉर्चर किया जाएगा.
तहव्वुर खूब गिड़गिड़ाया, कोई पैतरा काम नहीं आया
राणा ने अदालत में अपनी बीमारी को भी ढाल की तरह इस्तेमाल करने की कोशिश की. लेकिन उसके ये पैतरें काम नहीं आए. कोर्ट ने उसकी याचिका को खारिज कर दिया. अब उसे अमेरिका से भारत लाया जा रहा है. गुरुवार सुबह तक वह दिल्ली एयरपोर्ट पहुंच जाएगा. उसके बाद मुंबई हमलों में जान गंवाने वाले 166 लोगों के हर क जख्म का हिसाब होगा. पीड़ितों में भारत के अलावा 14 अन्य देशों के नागरिक शामिल थे.
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