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This Article is From Jan 27, 2015

ऐसे पकड़े गए मुंबई एटीएम वैन के लुटेरे

ऐसे पकड़े गए मुंबई एटीएम वैन के लुटेरे
मुंबई:

मुंबई में 16 जनवरी को एटीएम कैश वैन जिस तरह बिना किसी को घायल किए और गोली चलाए लूट ली गई थी। लुटेरे भी उसी अंदाज में बिना किसी मुठभेड़ या ज्यादा मशक्कत के आसानी से दबोच लिए गए। पुलिस की आंखों में धूल झोंकने के लिए वे कार या ट्रेन की बजाए बस में सफर कर रहे थे, लेकिन फिर भी पुलिस की गिरफ्त से बच नहीं पाएं।

पटियाला पुलिस सूत्रों के मुताबिक, सिटी राजपुरा पुलिस की हद में 23 जनवरी को जब वह नेशनल हाईवे नंबर एक पर सभी गाड़ियों की तलाशी ले रहे थे, तभी चारों हथियार और रुपये के साथ पकड़े गए। पहले तो उन्होने पुलिस को झूठ बोलकर बरगलाने की कोशिश की, लेकिन जब पुलिस ने सख्ती की तब उन्होंने मुंबई में एटीएम कैश वैन लूटने की बात कबूल कर ली।
एटीएम कैश वैन का सुरक्षा गार्ड सदरे आलम भी उनके साथ था। चारों जम्मू जाने की फिराक में थे, क्योंकि सदरे आलम के अलावा बाकी तीनों लुटेरे खूर्शिद, मुख्तार और मंजूर जम्मू के रहने वाले हैं।

गौरतलब है कि मुंबई में रुपयों से भरी एटीएम वैन लोअर परेल से काशी मिरा के लिए निकली थी, लेकिन रास्ते में वैन में ही तैनात गार्ड सदरे आलम ने चाय में बेहोशी की दवाई मिलाकर पिला दी थी। सांताक्रूज में मिलन सब-वे तक पहुंचते-पहुंचते वैन में मौजूद एक और गार्ड और एटीएम कैश लोडर जैसे ही बेहोश हो गए और ड्राईवर भी मूर्छित होने लगा, तभी मिलन सबवे के पास हाईवे पर ही एक कार सामने आ गई। वैन रुकते ही उसमे से तीन युवक उतरे और सदरे आलम की मदद से एटीएम वैन में घुस कर पहले ड्राईवर को पीटा फिर एक करोड़ 95 लाख रुपये लेकर फरार हो गए थे।

सूचना मिलने पर ड्राईवर और बेहोश पड़े बाकी के दोनों कर्मियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया और लुटेरों की तलाश शुरू हुई।

बिना बंदूक चले या किसी को जख्मी किए करोड़ों की लूट हैरान करने वाली थी और अस्पताल में ड्राईवर को देखते ही पुलिस को उस पर शक हो गया। जांच दल मे शामिल मुंबई क्राईम ब्रांच के एक अफसर ने उसे पहचान लिया। पता चला कि उसका नाम तारिक है और गोरेगांव पुलिस स्टेशन में उसके खिलाफ पहले से अपराधिक मामला दर्ज है। बस फिर क्या था तारिक को सब कुछ सच-सच बताना पड़ा।

पुलिस ने तारिक के घर से पहले उसके हिस्से की 34 लाख की रकम बरामद की। फिर एक काका नाम के वॉचमैन को पकड़ा। पुसिल के मुताबिक, काका लूट के मास्टरमाइंड खुर्शिद के संपर्क में था और वारदात के दिन वह एक टैक्सी के जरिए एटीएम वैन का पीछा कर लुटेरों को एटीएम वैन की लोकेशन बता रहा था। काका से पुलिस को पता चला कि सदरे आलम जो उत्तर प्रदेश का रहने वाला है, वह अपने गांव ना जाकर बाकी तीन लूटेरों के साथ जम्मू जा रहा है और जानबूझकर वह मुंबई से जम्मू तक का सफर बस से कर रहे हैं, ताकि पुलिस की आंख में धूल झोंक सके।

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