- मुंबई में 2.88 करोड़ रुपये के फर्जी सरकारी नौकरी घोटाले में रविंद्र मोरे को गिरफ्तार किया गया है.
- पूछताछ के दौरान पुख्ता सबूत मिलने के बाद रविंद्र मोरे को हिरासत में लिया गया था.
- मोरे से पहले फर्जी IAS अधिकारी को गिरफ्तार किया गया था. नौकरी दिलाने के नाम पर युवाओं से करोड़ों ठगे थे.
मुंबई में 2.88 करोड़ के फर्जी सरकारी नौकरी घोटाले में एक और अहम आरोपी रविंद्र मोरे को गिरफ्तार किया गया है. पूछताछ के दौरान पुख्ता सबूत मिलने के बाद मोरे को हिरासत में ले लिया गया. आरोपी को आज अदालत में पेश किया जाएगा. पुलिस की इकोनॉमिक ऑफेंसेस विंग (EOW) ने ये कार्रवाई की है.
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पहले फर्जी IAS अधिकारी हुआ था गिरफ्तार
इस मामले में EOW ने इससे पहले 10 अक्टूबर को फर्जी IAS अफसर निलेश राठौड़ (35) को गिरफ्तार किया था. राठौड़ सोलापुर जिले के बार्शी का रहने वाला है और खुद को स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (SSC) का डिप्टी सेक्रेटरी बताता था.
राठौड़ ने सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर 36 बेरोजगार युवाओं से लाखों रुपए वसूले थे. वह उम्मीदवारों से कहता था कि उन्हें इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में इंस्पेक्टर या असिस्टेंट जैसी उच्च पदों पर नियुक्त किया जाएगा.
ऐसे चला रहा था फर्जीवाड़ा
पुलिस जांच में सामने आया है कि राठौड़ और उसके साथी युवाओं को फर्जी लेटरहेड, नियुक्ति आदेश और पहचान पत्र दिखाकर भरोसे में लेते थे. इसके बाद वे हर उम्मीदवार से मोटी रकम ऐंठते थे. ठगी की रकम करीब 2.88 करोड़ बताई जा रही है.
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