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This Article is From Sep 25, 2022

मुकुल रोहतगी नहीं बनेंगे अटॉर्नी जनरल, ठुकराया केंद्र सरकार का प्रस्ताव

केंद्र सरकार ने मुकुल रोहतगी को फिर से अटॉर्नी जनरल बनने का प्रस्ताव दिया था, जिसे पहले उन्होंने स्वीकार कर लिया था. सूत्रों के मुताबिक उनका दूसरा कार्यकाल 1 अक्टूबर से शुरू होना था.

मुकुल रोहतगी नहीं बनेंगे अटॉर्नी जनरल, ठुकराया केंद्र सरकार का प्रस्ताव
नई दिल्ली:

मुकुल रोहतगी देश के अटार्नी जनरल नहीं बनेंगे. रोहतगी ने केंद्र का प्रस्ताव ठुकरा दिया है. एजी के लिए दी अपनी स्वीकृति उन्होंने वापस ले ली. 30 सितंबर को वर्तमान AG के के वेणुगोपाल का कार्यकाल खत्म हो रहा है. केंद्र सरकार ने मुकुल रोहतगी को दोबारा अटार्नी जनरल बनने के लिए प्रस्ताव किया था. जिसे पहले उन्होंने स्वीकार किया था.

67 वर्षीय वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने जून 2017 में अटॉर्नी जनरल के रूप में पद छोड़ दिया था, फिर केके वेणुगोपाल ने उनका स्थान लिया था.

केके वेणुगोपाल ने पांच साल तक केंद्र के शीर्ष कानून अधिकारी के रूप में काम किया. केंद्र सरकार ने मुकुल रोहतगी को फिर से अटॉर्नी जनरल बनने का प्रस्ताव दिया था, जिसे पहले उन्होंने स्वीकार कर लिया था. सूत्रों के मुताबिक उनका दूसरा कार्यकाल 1 अक्टूबर से शुरू होना था.

जब 2020 में अटॉर्नी जनरल के रूप में केके वेणुगोपाल का पहला कार्यकाल समाप्त होना था, तो उन्होंने सरकार से उनकी उम्र के कारण उन्हें उनकी जिम्मेदारियों से मुक्त करने का अनुरोध किया. सरकार ने उन्हें एक और कार्यकाल के लिए जारी रखने के लिए कहा. लेकिन केवल दो साल के लिए.

मुकुल रोहतगी, एक अनुभवी वकील, गुजरात दंगों के मामले सहित, जिसमें उन्होंने गुजरात सरकार का प्रतिनिधित्व किया, सुप्रीम कोर्ट के साथ-साथ देश भर के उच्च न्यायालयों में कई हाई प्रोफाइल मामलों में पेश हुए हैं. उन्होंने राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग से संबंधित मामले में भी दलील दी है. हाल ही में रोहतगी ने शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान की रक्षा टीम का नेतृत्व किया, जिसे ड्रग-ऑन-क्रूज़ मामले में गिरफ्तार किया गया था.
 

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