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This Article is From Jun 11, 2015

NSCN(K) के खिलाफ सरकार की मदद करना चाहता है मुइवा गुट : गृह मंत्रालय

NSCN(K) के खिलाफ सरकार की मदद करना चाहता है मुइवा गुट : गृह मंत्रालय
नई दिल्‍ली: क्या भारत सरकार एक उग्रवादी गुट की मदद से दुसरे गुट के खिलाफ ऑपरेशन कर सकती है? ये सवाल केंद्रीय गृह मंत्रालय के सामने आया लेकिन उच्च स्तरीय बैठक के बाद ये फैसला लिया गया की सरकार ऐसा नहीं कर सकती। अपने दुश्मनो के खिलाफ उसे खुद ही लड़ाई लड़नी होगी।

दरअसल मुद्दा NSCN(K) के खिलाफ भारत सरकार की छेड़ी हुई लड़ाई का था। बताया जाता है कि NSCN(IM) की तरफ से भारत सरकार को एक प्रपोजल आया था कि अगर NSCN(IM) खपलांग ग्रुप के खिलाफ लड़ाई में भारत सरकार की मदद करने के लिए तैयार है और अगर भारत सरकार चाहे तो उसका कैडर ज़मीन पर ऑपरेशंस में भी सुरक्षा बालों की मदद करेगा।

गृह मंत्रालय के एक सीनियर अधिकारी ने एनडीटीवी इंडिया को बताया, 'लेकिन हमने मना कर दिया क्योंकि इन ग्रुप्स पर भरोसा नहीं किया जा सकता साथ ही हमे अपनी फोर्सेज की क़ाबलियत पर यकीन है वो अपनी लड़ाई खुद लड़ सकते हैं।'

कौन है NSCN(IM)
NSCN(IM) यानी मुइवा ग्रुप फिलहाल भारत सरकार के साथ बातचीत कर रहा है। इस ग्रुप के ज्यादातर कैम्‍प नगालैंड के दीमापुर शहर के पास हेब्रोन में हैं। इस ग्रुप में फिलहाल 3500 उग्रवादी हैं और इसका एरिया ऑफ़ इन्फ्लुएंस यानी ये नगालैंड के अलावा अरुणाचल के तिराप, चांगलांग और मणिपुर के सेनापति, उरखुल और चंदेल इलाकों में है। इस ग्रुप की स्ट्राइकिंग केपेबिलिटी यानी इसके पास ज्यादा बड़ी संख्या में हथियार भी हैं।

कौन हैं NSCN(K)
उधर NSCN(K) ग्रुप फिलहाल म्यांमार में है। इसका एरिया ऑफ़ ऑपरेशन म्यांमार से सटे हुए इलाकों जैसे नगालैंड के कीफरे, मोन और तुएन्सांग (Tuensang) में हैं। इसमें फिलहाल 2000 उग्रवादी हैं और मुइवा के मुकाबले इस गुट के पास कम हथियार हैं।

इस ग्रुप का नेता एस खपलांग फिलहाल म्यांमार के यांगून शहर में है। रॉ के इनपुट्स के मुताबिक अभी हाल में भारतीय सेना के ऑपरेशन में जो खपलांग ग्रुप का कैडर भी घायल हुआ है वह भी यांगून के अस्पताल में इलाज़ करवा रहा है।

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