 
                                            दस विपक्षी राजनीतिक दलों के सांसदों ने किसान आंदोलन को लेकर गुरुवार को लोकसभा स्पीकर को पत्र लिखा. सांसदों ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को लिखे पत्र में कहा है कि गाज़ीपुर बॉर्डर पर स्थिति भारत-पाकिस्तान सीमा जैसी है और किसानों की स्थिति जेल के कैदियों जैसी है.
अकाली दल, डीएमके, एनसीपी और तृणमूल कांग्रेस समेत इन पार्टियों के 15 सांसदों को पुलिस ने गुरुवार सुबह गाज़ीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसानों से मिलने नहीं दिया. दौरे का समन्वय करने वाली अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर बादल के मुताबिक, नेताओं को बैरिकेड पार करने और प्रदर्शन स्थल जाने की इजाजत नहीं दी गई. हरसिमरत कौर बादल के अलावा, एनसीपी की सुप्रिया सुले, डीएमके की कोनिमोई और तिरुची शिवा, तृणमूल कांग्रेस के सौगत रॉय प्रतिनिधिमंडल में शामिल थे. उनके साथ नेशनल कॉन्फ्रेंस, आरएसपी और आईयूएमएल के सांसद भी थे.
लोकसभा की कार्यवाही के दिनभर के लिए स्थगित होने के बाद सुप्रिया सुले और सौगत रॉय समेत विपक्षी सांसद लोकसभा स्पीकर बिरला से मिले और उन्हें एक पत्र सौंपा. इसमें दावा किया गया है कि पुलिस ने उन्हें प्रदर्शनकारी किसानों से मिलने की इजाजत नहीं दी.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
