Ghazipur Border Kisan Aandolan
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किसान आज फिर दिल्ली कूच को तैयार, बॉर्डरों पर सख्त इंतजाम, चप्पे-चप्पे पर पुलिस का घेरा
- Wednesday February 21, 2024
- Edited by: स्वेता गुप्ता
केंद्र सरकार के साथ एमएसपी या न्यूनतम समर्थन मूल्य पर असहमति बनने के बाद किसान आज फिर से दिल्ली कूच (Farmer's Delhi March) के लिए तैयार हैं. सरकार ने कपास, मक्का, मसूर, अरहर और उड़द यानी 5 फसलों पर MSP देने का प्रस्ताव दिया था, जिसे किसानों ने खारिज कर दिया. किसान सभी फसलों पर MSP गारंटी देने की मांग कर रहे हैं.
- ndtv.in
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VIDEO: गाजीपुर बॉर्डर NH 24 के नीचे वाली सर्विस लेन से किसानों ने हटाया अपना सामान
- Thursday October 21, 2021
- Reported by: सौरभ शुक्ला, शरद शर्मा, Edited by: आनंद नायक
किसान नेता राकेश टिकैत ने नेशनल हाईवे 24 के दिल्ली-गाजीपुर मुर्गा मंडी की तरफ जाने वाली सर्विस लेन को खुद खुलवाया. सबसे पहले किसानों ने इसी रास्ते को रोका था. जनता की सहूलियत के लिहाज से सर्विस लेन खोलने का फैसला किया गया है.
- ndtv.in
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गाजीपुर बॉर्डर पर आंदोलनकारी किसानों की तादाद बढ़ाने के लिए बैठक, बनाया गया 'खुफिया प्लान'
- Friday February 19, 2021
- Reported by: रवीश रंजन शुक्ला
Ghazipur Border Protest: बढ़ती गर्मी को देखते हुए अब गाजीपुर बॉर्डर पर फ्लाईओवर के नीचे मीडिया और किसान नेताओं के बैठक के लिए नया तंबू तैयार हो रहा है. बैठक में बनाई गई रणनीति के तहत सहारनपुर और मेरठ मंडल के जिलाध्यक्ष दो सौ किसानों के साथ दस-दस दिन के लिए धरने पर बैठेंगे.
- ndtv.in
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स्पीकर को 10 विपक्षी दलों के सांसदों ने लिखा पत्र, बोले, गाज़ीपुर बॉर्डर पर भारत-पाक सीमा जैसी स्थिति
- Friday February 5, 2021
- Reported by: भाषा
अकाली दल, डीएमके, एनसीपी और तृणमूल कांग्रेस समेत इन पार्टियों के 15 सांसदों को पुलिस ने सुबह गाज़ीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसानों से मिलने नहीं दिया.
- ndtv.in
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मुजफ्फरनगर दंगों ने बांटा था, किसान आंदोलन फिर से जोड़ रहा समाज: बदल रही पश्चिमी यूपी की फिजा
- Thursday February 4, 2021
- Reported by: रवीश रंजन शुक्ला, Edited by: प्रमोद कुमार प्रवीण
साल 2013 में मुजफ्फरनगर दंगों की वजह से कई पंचायतें बंट गई थीं लेकिन राकेश टिकैत के समर्थन में हो रही पंचायतों में सभी एकजुट हो रहे हैं. इसमें कमरूद्दीन और परगट सिंह फिर से एकसाथ नजर दिख रहे हैं. किसानों का कहना है कि अलग-अलग राजनीतिक दलों में बंटे लोग अब पंचायत की वजह से एक हो रहे हैं.
- ndtv.in
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नुकीली कीलें और कंटीले तार..किसानों को 'रोकने' के लिए पुलिस कर रही सारे जतन, 'अन्नदाता' बोले-हम डरने वाले नहीं..10 बातें
- Tuesday February 2, 2021
- Reported by: मुकेश सिंह सेंगर, परिमल कुमार
Kisan Andolan: तीन नए कृषि कानूनों (Farm Laws) के विरोध में दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर किसान पिछले करीब दो माह से आंदोलन पर डटे हैं लेकिन सरकार के उनके बीच गतिरोध टूटने का नाम नहीं ले रहा. जहां किसान इन कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं, वहीं सरकार का जोर इन कानूनों में सुधारों पर है. किसानों का दोटूक अंदाज में कहना है कि जब तक कानून वापस नहीं लिए जाते तब तक वे दिल्ली से वापस नहीं लौटेंगे. टिकरी बॉर्डर पर तमाम परेशानियों के बीच और दिल्ली में दाखिल होने से रोकने को लेकर पुलिस के किए गए इंतज़ाम किसानों के हौसले को पस्त नहीं कर पा रहे हैं.
- ndtv.in
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किसान नेताओं ने ‘सम्मानपूर्ण समाधान’ की जरूरत बताई, कहा दबाव में नहीं मानेंगे
- Monday February 1, 2021
- Reported by: भाषा
राकेश टिकैत ने कहा, ‘‘हम प्रधानमंत्री की गरिमा का सम्मान करेंगे. किसान नहीं चाहते कि सरकार या संसद उनके आगे झुकें.’’ हालांकि उन्होंने कहा, ‘‘हम यह भी सुनिश्चित करेंगे कि किसानों के आत्म-सम्मान की रक्षा हो.’’ गणतंत्र दिवस पर अनेक प्रदर्शनकारी लाल किले के अंदर पहुंच गये थे. टिकैत बंधुओं ने भी गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा की निंदा की और कहा कि यह अस्वीकार्य है. हालांकि उन्होंने आरोप लगाया कि यह हिंसा एक षड्यंत्र का नतीजा थी.
- ndtv.in
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लोकतंत्र का मजाक बनाए जाने के बाद किसान आंदोलन के लिए राजनीतिक समर्थन लिया: राकेश टिकैत
- Monday February 1, 2021
- Reported by: भाषा
एक सवाल के जवाब में टिकैत ने कहा, ‘‘संयुक्त किसान मोर्चा ने राजनीतिक दलों को अपने आंदोलन में प्रवेश नहीं करने दिया था क्योंकि हमारा आंदोलन गैर राजनीतिक है. प्रदर्शन को लेकर लोकतंत्र का मजाक बनाए जाने के बाद, राजनीतिक दलों से समर्थन लिया गया. इसके बावजूद, नेताओं को किसान आंदोलन के मंच से दूर रखा गया है.’’ गाजीपुर बॉर्डर पर टिकैत से मिलने आए शिअद प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने कहा, ‘‘मोदी साब नु किसाना दी मन दी गल सुननी चाहिदी है.’’ शिअद कृषि कानूनों को लेकर केन्द्र में सत्तारूढ़ राजग से रिश्ता तोड़ चुका है.
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किसान आज फिर दिल्ली कूच को तैयार, बॉर्डरों पर सख्त इंतजाम, चप्पे-चप्पे पर पुलिस का घेरा
- Wednesday February 21, 2024
- Edited by: स्वेता गुप्ता
केंद्र सरकार के साथ एमएसपी या न्यूनतम समर्थन मूल्य पर असहमति बनने के बाद किसान आज फिर से दिल्ली कूच (Farmer's Delhi March) के लिए तैयार हैं. सरकार ने कपास, मक्का, मसूर, अरहर और उड़द यानी 5 फसलों पर MSP देने का प्रस्ताव दिया था, जिसे किसानों ने खारिज कर दिया. किसान सभी फसलों पर MSP गारंटी देने की मांग कर रहे हैं.
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VIDEO: गाजीपुर बॉर्डर NH 24 के नीचे वाली सर्विस लेन से किसानों ने हटाया अपना सामान
- Thursday October 21, 2021
- Reported by: सौरभ शुक्ला, शरद शर्मा, Edited by: आनंद नायक
किसान नेता राकेश टिकैत ने नेशनल हाईवे 24 के दिल्ली-गाजीपुर मुर्गा मंडी की तरफ जाने वाली सर्विस लेन को खुद खुलवाया. सबसे पहले किसानों ने इसी रास्ते को रोका था. जनता की सहूलियत के लिहाज से सर्विस लेन खोलने का फैसला किया गया है.
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गाजीपुर बॉर्डर पर आंदोलनकारी किसानों की तादाद बढ़ाने के लिए बैठक, बनाया गया 'खुफिया प्लान'
- Friday February 19, 2021
- Reported by: रवीश रंजन शुक्ला
Ghazipur Border Protest: बढ़ती गर्मी को देखते हुए अब गाजीपुर बॉर्डर पर फ्लाईओवर के नीचे मीडिया और किसान नेताओं के बैठक के लिए नया तंबू तैयार हो रहा है. बैठक में बनाई गई रणनीति के तहत सहारनपुर और मेरठ मंडल के जिलाध्यक्ष दो सौ किसानों के साथ दस-दस दिन के लिए धरने पर बैठेंगे.
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स्पीकर को 10 विपक्षी दलों के सांसदों ने लिखा पत्र, बोले, गाज़ीपुर बॉर्डर पर भारत-पाक सीमा जैसी स्थिति
- Friday February 5, 2021
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अकाली दल, डीएमके, एनसीपी और तृणमूल कांग्रेस समेत इन पार्टियों के 15 सांसदों को पुलिस ने सुबह गाज़ीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसानों से मिलने नहीं दिया.
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मुजफ्फरनगर दंगों ने बांटा था, किसान आंदोलन फिर से जोड़ रहा समाज: बदल रही पश्चिमी यूपी की फिजा
- Thursday February 4, 2021
- Reported by: रवीश रंजन शुक्ला, Edited by: प्रमोद कुमार प्रवीण
साल 2013 में मुजफ्फरनगर दंगों की वजह से कई पंचायतें बंट गई थीं लेकिन राकेश टिकैत के समर्थन में हो रही पंचायतों में सभी एकजुट हो रहे हैं. इसमें कमरूद्दीन और परगट सिंह फिर से एकसाथ नजर दिख रहे हैं. किसानों का कहना है कि अलग-अलग राजनीतिक दलों में बंटे लोग अब पंचायत की वजह से एक हो रहे हैं.
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नुकीली कीलें और कंटीले तार..किसानों को 'रोकने' के लिए पुलिस कर रही सारे जतन, 'अन्नदाता' बोले-हम डरने वाले नहीं..10 बातें
- Tuesday February 2, 2021
- Reported by: मुकेश सिंह सेंगर, परिमल कुमार
Kisan Andolan: तीन नए कृषि कानूनों (Farm Laws) के विरोध में दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर किसान पिछले करीब दो माह से आंदोलन पर डटे हैं लेकिन सरकार के उनके बीच गतिरोध टूटने का नाम नहीं ले रहा. जहां किसान इन कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं, वहीं सरकार का जोर इन कानूनों में सुधारों पर है. किसानों का दोटूक अंदाज में कहना है कि जब तक कानून वापस नहीं लिए जाते तब तक वे दिल्ली से वापस नहीं लौटेंगे. टिकरी बॉर्डर पर तमाम परेशानियों के बीच और दिल्ली में दाखिल होने से रोकने को लेकर पुलिस के किए गए इंतज़ाम किसानों के हौसले को पस्त नहीं कर पा रहे हैं.
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किसान नेताओं ने ‘सम्मानपूर्ण समाधान’ की जरूरत बताई, कहा दबाव में नहीं मानेंगे
- Monday February 1, 2021
- Reported by: भाषा
राकेश टिकैत ने कहा, ‘‘हम प्रधानमंत्री की गरिमा का सम्मान करेंगे. किसान नहीं चाहते कि सरकार या संसद उनके आगे झुकें.’’ हालांकि उन्होंने कहा, ‘‘हम यह भी सुनिश्चित करेंगे कि किसानों के आत्म-सम्मान की रक्षा हो.’’ गणतंत्र दिवस पर अनेक प्रदर्शनकारी लाल किले के अंदर पहुंच गये थे. टिकैत बंधुओं ने भी गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा की निंदा की और कहा कि यह अस्वीकार्य है. हालांकि उन्होंने आरोप लगाया कि यह हिंसा एक षड्यंत्र का नतीजा थी.
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लोकतंत्र का मजाक बनाए जाने के बाद किसान आंदोलन के लिए राजनीतिक समर्थन लिया: राकेश टिकैत
- Monday February 1, 2021
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एक सवाल के जवाब में टिकैत ने कहा, ‘‘संयुक्त किसान मोर्चा ने राजनीतिक दलों को अपने आंदोलन में प्रवेश नहीं करने दिया था क्योंकि हमारा आंदोलन गैर राजनीतिक है. प्रदर्शन को लेकर लोकतंत्र का मजाक बनाए जाने के बाद, राजनीतिक दलों से समर्थन लिया गया. इसके बावजूद, नेताओं को किसान आंदोलन के मंच से दूर रखा गया है.’’ गाजीपुर बॉर्डर पर टिकैत से मिलने आए शिअद प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने कहा, ‘‘मोदी साब नु किसाना दी मन दी गल सुननी चाहिदी है.’’ शिअद कृषि कानूनों को लेकर केन्द्र में सत्तारूढ़ राजग से रिश्ता तोड़ चुका है.
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