भोपाल: माउंट एवरेस्ट की चोटी को फतह करने वाली मध्य प्रदेश की पहली महिला मेघा परमार को कांग्रेस में शामिल होने के महज दो दिन बाद प्रदेश के महिला एवं बाल विकास विभाग ने 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' अभियान के ब्रांड एम्बेसडर पद से हटा दिया है. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित इस राज्य में महिला एवं बाल विकास संचालनालय की अपर संचालक राजपाल कौर ने बुधवार को इस आशय का आदेश जारी किया.
परमार को कमलनाथ के नेतृत्व वाली पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' अभियान का ब्रांड एंबेसडर नियुक्त किया गया था. परमार ने पद से हटाए जाने की पुष्टि की और राज्य सरकार के इस कदम पर हैरानी जताई. परमार (28) ने बृहस्पतिवार को ‘पीटीआई-भाषा' से कहा, ‘‘हां, मुझे (बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान के) ब्रांड एंबेसडर पद से हटा दिया है. मुझे बुधवार शाम पांच बजे व्हाट्सऐप पर संदेश और एक ईमेल मिला.''
उन्होंने कहा, ‘‘मैं संदेश मिलने पर स्तब्ध रह गई. मैंने अभियान के तहत राज्य के सभी जिलों का दौरा किया था और राजनीति से परे रह कर ईमानदारी से काम किया था.'' पर्वतारोहियों के अनुसार परमार चार महाद्वीपों की चार सबसे ऊंची चोटियों को फतह करने वाली मध्य प्रदेश की पहली महिला हैं, जिसमें माउंट एवरेस्ट (जिसे उन्होंने 22 मई, 2019 को फतह किया था) भी शामिल है.
दो दिन पहले ही प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के परासिया में कांग्रेस की मध्य प्रदेश इकाई के अध्यक्ष एवं राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की मौजूदगी में ‘नारी सम्मान योजना' की शुरुआत के दौरान वह कांग्रेस में शामिल हुई थीं. ऐसे संकेत हैं कि परमार चुनावी राजनीति में प्रवेश कर सकती हैं और अपने गृह जिले सीहोर के इछावर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ सकती हैं. राज्य में इस साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने हैं. यह पूछे जाने पर कि क्या वह विधानसभा चुनाव लड़ेंगी तो उन्होंने कहा, '‘अगर मुझे मौका मिलता है तो मैं लड़ूंगी.
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