नई दिल्ली:
दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के विभिन्न कॉलेजों के फाइनल ईयर की समाजशास्त्र की परीक्षा में कम से कम 410 छात्र फेल हो गए हैं। परीक्षा परिणाम को लेकर छात्र उत्तर पुस्तिका जांचने में गड़बड़ी होने का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन कर रहे हैं।
शिवाजी कॉलेज के 260 में से 250, लक्ष्मी बाई कॉलेज के पॉलिटिकल (ऑनर्स) के 120 में से 102 छात्र, जानकी देवी मेमोरियल कॉलेज के 50 में से 38, केशव महाविद्यालय के 25 में से 20 छात्र परीक्षा में पास नहीं हो सके हैं।
‘समकालीन भारत में समाजशास्त्र’ ऑनर्स की पढ़ाई कर रहे छात्रों के लिए एक विषय है। छात्रों के एक समूह ने छात्र कल्याण डीन के कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन करते हुए परीक्षा परिणाम में गड़बड़ी होने का आरोप लगाया और इसमें हस्तक्षेप करने की मांग की।
छात्र कल्याण डीन जेएम खुराना ने कहा, 'मैंने उनका अनुरोध सुना है और इस मामले को दिल्ली विश्वविद्यालय की परीक्षा शाखा के समक्ष उठाया जाएगा।' फेल होने वाले सभी फाइनल ईयर के छात्र हैं। परीक्षा परिणाम को लेकर वे बहुत चिंतित हैं, क्योंकि इससे उनकी भविष्य में पढ़ाई की सभी योजनाएं प्रभावित हो सकती हैं।
कक्षा में अन्य विषयों में सबसे ज्यादा अंक पाने वाले शिवाजी कॉलेज के एक छात्र का कहना है कि उसे समाजशास्त्र में बमुश्किल 15 अंक मिले हैं। उसने कहा, 'मेरा विदेश के एक विश्वविद्यालय में दाखिला हो गया है। मेरा औसत प्रतिशत बहुत अच्छा है, लेकिन यदि परिणाम सुधारा नहीं गया, तो मुझे यह अवसर गंवाना पड़ सकता है।'
अपने-अपने कॉलेज से संबंधित प्राधिकार से संपर्क करने वाले छात्रों को पुन:मूल्यांकन के लिए आवेदन करने को कहा गया है।
एक अन्य छात्र का कहना है, 'यह समस्या पुन:मूल्यांकन से हल होने वाली नहीं है, जहां छात्र को मिले अंकों को सिर्फ दोबारा जोड़ा जाता है। सभी छात्र कैसे फेल हो सकते हैं, कुछ तो गड़बड़ है।'
दिल्ली विश्वविद्यालय के परीक्षा प्रमुख सतीश कुमार से संपर्क करने पर उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय मामले को देख रहा है, यदि कोई गलती हुई है तो उसे तुरंत सुधारा जाएगा।
शिवाजी कॉलेज के 260 में से 250, लक्ष्मी बाई कॉलेज के पॉलिटिकल (ऑनर्स) के 120 में से 102 छात्र, जानकी देवी मेमोरियल कॉलेज के 50 में से 38, केशव महाविद्यालय के 25 में से 20 छात्र परीक्षा में पास नहीं हो सके हैं।
‘समकालीन भारत में समाजशास्त्र’ ऑनर्स की पढ़ाई कर रहे छात्रों के लिए एक विषय है। छात्रों के एक समूह ने छात्र कल्याण डीन के कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन करते हुए परीक्षा परिणाम में गड़बड़ी होने का आरोप लगाया और इसमें हस्तक्षेप करने की मांग की।
छात्र कल्याण डीन जेएम खुराना ने कहा, 'मैंने उनका अनुरोध सुना है और इस मामले को दिल्ली विश्वविद्यालय की परीक्षा शाखा के समक्ष उठाया जाएगा।' फेल होने वाले सभी फाइनल ईयर के छात्र हैं। परीक्षा परिणाम को लेकर वे बहुत चिंतित हैं, क्योंकि इससे उनकी भविष्य में पढ़ाई की सभी योजनाएं प्रभावित हो सकती हैं।
कक्षा में अन्य विषयों में सबसे ज्यादा अंक पाने वाले शिवाजी कॉलेज के एक छात्र का कहना है कि उसे समाजशास्त्र में बमुश्किल 15 अंक मिले हैं। उसने कहा, 'मेरा विदेश के एक विश्वविद्यालय में दाखिला हो गया है। मेरा औसत प्रतिशत बहुत अच्छा है, लेकिन यदि परिणाम सुधारा नहीं गया, तो मुझे यह अवसर गंवाना पड़ सकता है।'
अपने-अपने कॉलेज से संबंधित प्राधिकार से संपर्क करने वाले छात्रों को पुन:मूल्यांकन के लिए आवेदन करने को कहा गया है।
एक अन्य छात्र का कहना है, 'यह समस्या पुन:मूल्यांकन से हल होने वाली नहीं है, जहां छात्र को मिले अंकों को सिर्फ दोबारा जोड़ा जाता है। सभी छात्र कैसे फेल हो सकते हैं, कुछ तो गड़बड़ है।'
दिल्ली विश्वविद्यालय के परीक्षा प्रमुख सतीश कुमार से संपर्क करने पर उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय मामले को देख रहा है, यदि कोई गलती हुई है तो उसे तुरंत सुधारा जाएगा।
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