गुजरात सरकार ने गुरुवार को विधानसभा में बताया कि राज्य में 1.25 लाख से अधिक बच्चे कुपोषित हैं और वह स्थिति में सुधार के लिए कई कदम उठा रही है. प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायकों द्वारा उठाए गए सवालों के जवाब में, महिला एवं बाल विकास मंत्री भानुबेन बाबरिया ने बताया कि राज्य में कुल 1,25,707 कुपोषित बच्चों में से 1,01,586 ‘कम वजन' की श्रेणी में आते हैं, जबकि 24,121 ‘गंभीर रूप से कम वजन' की श्रेणी में आते हैं.
बाबरिया ने अपने लिखित जवाब में कहा कि नर्मदा के आदिवासी बहुल जिले में कुपोषित बच्चों की संख्या सबसे अधिक (12,492) है, इसके बाद वड़ोदरा (11,322), आनंद (9,615), साबरकांठा (7,270) और भरूच (5,863) का स्थान है.
मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में कुपोषण खत्म करने के लिए कई कदम उठा रही है.बाबरिया ने कहा कि तीन से छह वर्ष की आयु के बच्चों को आंगनबाड़ियों (चाइल्ड केयर सेंटर) में गर्म नाश्ता और दोपहर का भोजन दिया जाता है. इसके अलावा सप्ताह में दो बार बच्चों को फल दिए जाते हैं.
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