विज्ञापन

4.50 लाख करोड़ बच सकते हैं... 'वन नेशन, वन इलेक्‍शन' को लेकर बोले जेपीसी चेयरमैन

पीपी चौधरी ने 'वन नेशन, वन इलेक्‍शन' के मुद्दे पर बोलते हुए एक प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में कहा कि हमने सदस्यों के सभी प्रश्न क्लियर किए हैं. इस मुद्दे पर आरबीआई से भी चर्चा हुई है कि इकोनॉमी पर इसका कितना असर पड़ेगा.

4.50 लाख करोड़ बच सकते हैं... 'वन नेशन, वन इलेक्‍शन' को लेकर बोले जेपीसी चेयरमैन
पीपी चौधरी ने कहा कि चुनाव एक साथ होंगे तो खर्चा कम आएगा और वोटर का पार्टिसिपेशन बढ़ेगा. (फाइल)
मुंबई :

'वन नेशन, वन इलेक्‍शन' (One Nation, One Election) को लेकर गठित संयुक्‍त संसदीय समिति (Joint Parliamentary Committee) के चेयरमैन और भाजपा सांसद पीपी चौधरी ने कहा कि अगर एक साथ चुनाव कराए जाएं तो देश में 4 लाख 50 हजार करोड़ रुपये की राशि बच सकती है, जिसे हम गरीबों के लिए इस्‍तेमाल कर सकते हैं. उन्‍होंने कहा कि हमने रिजर्व बैंक से कहा है कि वो जीडीपी के मुद्दे पर स्टडी करके रिपोर्ट दें. साथ ही हम जानना चाहते हैं कि कुल जीडीपी पर कितना असर पड़ेगा, क्या नुकसान होगा और कितना फाइनेंशियल बोझ पड़ेगा. चौधरी ने कहा कि जेपीसी ने विभिन्न स्टेट होल्डर्स की राय सुननी सुनने और देश के अलग-अलग हिस्सों में जाकर सबकी राय सुनने का निर्णय लिया है. जेपीसी आज से देशभर के राज्‍यों के दौरे पर है और सबसे पहले महाराष्‍ट्र का दो दिवसीय दौरा कर रही है. इसके बाद अन्‍य राज्‍यों का भी दौरा किया जाएगा. 

पीपी चौधरी ने 'वन नेशन, वन इलेक्‍शन' के मुद्दे पर बोलते हुए एक प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में कहा कि हमने सदस्यों के सभी प्रश्न क्लियर किए हैं. कमेटी ने निर्णय लिया है कि हमें विभिन्न स्टेट होल्डर्स की राय सुननी चाहिए और देश के अलग-अलग हिस्सों में जाकर सबकी राय लेनी चाहिए. उन्‍होंने कहा कि जनवरी 2025 में हमारी पहली मीटिंग हुई थी. इसमें सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्‍यायाधीश जस्टिस हेमंत गुप्‍ता से बातचीत की, दिल्‍ली हाई कोर्ट के तीन पूर्व न्यायाधीशों से चर्चा की और अटॉर्नी जनरल ऑफ इंडिया से भी मुलाकात की थी. इसे लेकर हमने सेक्रेटरी, फाइनेंस, लॉ और एजुकेशन विभाग से भी जमीनी हकीकत जानी है. 

अध्‍ययन के बाद ही निर्णय लेगी कमेटी: चौधरी

चौधरी ने कहा कि हम यह जांच कर रहे हैं कि चुनाव साथ होने से कितना फायदा है और कितना नुकसान है. अध्‍ययन के बाद ही कमेटी इसे लेकर कोई फैसला लेगी. उन्‍होंने कहा कि आरबीआई से भी हमने कहा है कि वो जीडीपी के मुद्दे पर स्टडी करके रिपोर्ट दें. बैंकिंग सेक्टर ने भी अपने मुद्दे हमारे सामने रखे हैं. 

उन्‍होंने कहा कि इसका असर वोटर पर पड़ेगा, लिक्विडिटी पर पड़ेगा, कैश मैनेजमेंट, प्राइवेट इन्वेस्टमेंट और क्रेडिट डिमांड पर भी पड़ेगा. इन सब पहलुओं का अध्‍ययन हमने बैंकिंग सेक्टर से करने को कहा है. 

उन्‍होंने कहा कि देश की दिशा और दशा बदलने के लिए सबकी राय जरूरी है. रिसर्च रिपोर्ट लेकर हम इसे संसद के सामने पेश करेंगे और फिर संसद निर्णय लेगी. 

2029 से 2030-31 का चुनाव साथ कराने का विचार

उन्‍होंने कहा कि 2029 से 2030-31 के चुनाव एक साथ कराने का विचार है. भारत के संविधान में कहीं नहीं लिखा कि 5 साल से पहले चुनाव नहीं हो सकते हैं, इसलिए हम ऐसा कर सकते हैं. चौधरी ने कहा कि कांग्रेस शासित राज्यों में लोकल बॉडी चुनावों में भी कई तरह की पाबंदियां लगाई जाती हैं कि आप ये कर सकते हैं और ये नहीं. 

साथ ही कहा कि अगर चुनाव एक साथ होंगे तो खर्चा कम आएगा और वोटर का पार्टिसिपेशन बढ़ेगा, जिससे लोकतंत्र मजबूत होगा. 

उन्‍होंने कहा कि बैंकिंग सेक्टर पर इसका डायरेक्ट इकोनॉमिक इंपैक्‍ट होता है. लोन, गरीबों की योजनाएं, उनका पैसा बार-बार बर्बाद होता है. इसलिए हम पूरी तरह जांच करके ही रिपोर्ट कमेटी के सामने रखेंगे. 

महाराष्ट्र में आज 14-15 पार्टियां हमारे साथ शामिल हुईं हैं. यह हमारे लिए खुशी की बात है. 

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com