पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एस वाई कुरैशी ने बुधवार को कहा कि जनसंख्या नियंत्रण नीति पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की टिप्पणी संतुलित है, क्योंकि उन्होंने किसी खास समुदाय पर उंगली नहीं उठाई. अपनी पुस्तक ‘द पॉपुलेशन मिथ: इस्लाम, फैमिली प्लानिंग एंड पॉलिटिक्स इन इंडिया' में मुस्लिम जनसंख्या से संबंधित कई मिथकों का भंडाफोड़ करने वाले कुरैशी ने कहा कि भागवत का विचार सही है कि परिवार नियोजन को भारतीय समाज के सभी वर्गों द्वारा अपनाया जाना चाहिए.
भागवत ने बुधवार को नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की दशहरा रैली को संबोधित करते हुए कहा कि भारत को व्यापक सोच के बाद जनसंख्या नीति तैयार करनी चाहिए और यह सभी समुदायों पर समान रूप से लागू होनी चाहिए. आरएसएस प्रमुख ने कहा कि समुदाय आधारित जनसंख्या असंतुलन एक महत्वपूर्ण विषय है और इसे नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए.
कुरैशी ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक के विजयादशमी भाषण का बहुत बारीकी से अध्ययन किया जा रहा है और मीडिया का ध्यान आबादी से संबंधित उनकी टिप्पणी पर है. उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा, 'लोग मेरी किताब 'पॉपुलेशन मिथ-इस्लाम, फैमिली प्लानिंग एंड पॉलिटिक्स इन इंडिया' का जिक्र कर रहे हैं, जिसे मुझे हाल ही में मोहन भागवत के सामने पेश करने का मौका मिला, जहां मैंने संक्षेप में इसके केंद्र बिन्दुओं का जिक्र किया.'
कुरैशी ने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि आरएसएस प्रमुख ने मेरी बात ध्यान से सुनी. पूर्व नौकरशाह ने कहा, 'मुझे लगता है कि भागवत का भाषण काफी व्यापक और संतुलित था. उन्होंने किसी विशेष समुदाय पर उंगली नहीं उठाई. उन्होंने जनसंख्या बहस के दोनों आयामों-बोझ या परिसंपत्ति का उल्लेख किया.'
कुरैशी उन मुस्लिम बुद्धिजीवियों में से थे, जिन्होंने हाल ही में भागवत से सांप्रदायिक सौहार्द को मजबूत करने के लिए मुलाकात की थी.
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