केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बृहस्पतिवार को कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार नए आपराधिक कानूनों को सुचारू रूप से लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है. देश की आपराधिक न्याय प्रणाली में व्यापक बदलाव लाने वाले तीन नए कानून - भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम - एक जुलाई से लागू होंगे. शाह ने यह भी कहा कि सरकार आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई को प्रौद्योगिकी और मजबूत बुनियादी ढांचे से मजबूत बना रही है.
अमित शाह ने राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की वेबसाइट और मोबाइल ऐप 'संकलन' की शुरुआत करते हुए कहा कि पोर्टल और ऐप तीन नए कानूनों के संबंध में नागरिकों और कानून प्रवर्तन एजेंसियों का मार्गदर्शन करेंगे. गृह मंत्री शाह ने कहा कि यह ऐप नए और पुराने आपराधिक कानूनों को जोड़कर नयी न्याय प्रणाली के सुचारू कार्यान्वयन में मददगार होगा. उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, 'मोदी सरकार नयी आपराधिक न्याय प्रणाली को निर्बाध बनाने के लिए प्रतिबद्ध है.'
तीनों कानूनों को 21 दिसंबर को संसद से मंजूरी मिली और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 25 दिसंबर को उन्हें अपनी सहमति दे दी. ये कानून औपनिवेशिक युग की भारतीय दंड संहिता, आपराधिक प्रक्रिया संहिता और 1872 के भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह लेंगे. शाह ने वीडियो कांफ्रेंस के जरिए राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआई) के अत्याधुनिक आपराधिक मामला प्रबंधन प्रणाली (सीसीएमएस) सॉफ्टवेयर का उद्घाटन किया.
अमित शाह ने इस दौरान कहा कि अत्याधुनिक सीसीएमएस सॉफ्टवेयर न केवल जांच में मानकीकरण लाएगा बल्कि देशभर में आतंक से संबंधित डेटा के आसान और सुव्यवस्थित संकलन को आसान बनाएगा. गृह मंत्री ने जम्मू और कोच्चि में एनआईए के दो कार्यालयों का भी उद्घाटन किया और रांची में एक आवासीय परिसर की आधारशिला रखी.
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