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आयुष्मान भारत में अब 70 प्लस की भी होगी एंट्री, मुफ्त इलाज के साथ मिलेगा 5 लाख का अतिरिक्त बीमा

नेशनल हेल्थ पॉलिसी के तहत केंद्र सरकार ने आयुष्मान भारत स्कीम साल 2017 में शुरू की थी. आयुष्मान भारत स्कीम के तहत देशभर के चुनिंदा सरकारी और निजी अस्पतालों में इलाज करवाया जा सकता है.

प्रतीकात्मक फोटो.

नई दिल्ली:

केंद्र सरकार ने बुधवार को देश में 70 साल से ज्यादा उम्र वाले लोगों को बड़ी राहत दी. सरकार ने आयुष्मान भारत हेल्थ स्कीम में अब 70 प्लस एज ग्रुप को एंट्री दे दी है. मोदी कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दी. यानी आयुष्मान भारत पीएम जनआरोग्य योजना के तहत अब 70 प्लस एज ग्रुप के लोगों को भी मुफ्त इलाज मिलेगा. सरकार के मुताबिक, इसके तहत 6 करोड़ सीनियर सिटिजंस को 5 लाख तक का इलाज मुफ्त मिल सकेगा. इसके साथ ही उन्हें प्रति परिवार 5 लाख रुपये का फ्री हेल्थ इंश्योरेंस कवर भी मिलेगा.

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को मोदी कैबिनेट के इस फैसले की जानकारी दी. सरकार ने बयान में कहा, "इस मंजूरी के साथ 70 वर्ष या इससे अधिक आयु के सभी वरिष्ठ नागरिक, जिनका सामाजिक-आर्थिक स्थिति कैसी भी हो, योजना का लाभ उठाने के लिए पात्र होंगे. पात्र वरिष्ठ नागरिकों को AB PM-JAY के तहत एक नया अलग कार्ड जारी किया जाएगा."

सरकार ने कहा कि योजना के तहत पहले से ही कवर किए गए परिवारों से संबंधित 70 साल और इससे अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों को अपने लिए हर साल 5 लाख रुपये तक का अतिरिक्त टॉप-अप कवर (जिसे उन्हें परिवार के अन्य सदस्यों के साथ साझा नहीं करना होगा, जो 70 साल से कम उम्र के हैं) मिलेगा. 

लोगों को मिलेगा स्कीम चुनने का ऑप्शन
ऐसे वरिष्ठ नागरिक (70 वर्ष या अधिक) जो पहले से ही केंद्र सरकार की स्वास्थ्य योजना (CGHS), पूर्व सैनिक अंशदायी स्वास्थ्य योजना (ECHS), और आयुष्मान केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) जैसी अन्य सार्वजनिक स्वास्थ्य बीमा योजनाओं का लाभ प्राप्त कर रहे हैं, वे या तो अपनी मौजूदा योजना चुन सकते हैं या AB PM-JAY का विकल्प चुन सकते हैं.

सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि 70 साल या इससे अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिक जो कि निजी स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों या कर्मचारी राज्य बीमा योजना के अंतर्गत हैं, वे AB PM-JAY के तहत लाभ हासिल करने के लिए पात्र होंगे.

2017 में लॉन्च हुई थी आयुष्मान भारत स्कीम
बता दें कि नेशनल हेल्थ पॉलिसी के तहत केंद्र सरकार ने आयुष्मान भारत स्कीम साल 2017 में शुरू की थी. आयुष्मान भारत स्कीम के तहत देशभर के चुनिंदा सरकारी और निजी अस्पतालों में इलाज करवाया जा सकता है. भर्ती होने के 10 दिन पहले और बाद के खर्च का भी इस स्कीम के तहत रिफंड का नियम है. हालांकि, पश्चिम बंगाल समेत कई राज्य इस स्कीम को मानने से इनकार कर रहे हैं. ऐसे राज्यों में उनकी अपनी स्कीम चलती है.

कौन बनवा सकते हैं आयुष्मान कार्ड?
-ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोग.
-असंगठित क्षेत्रों में काम करने वाले मजदूर.
-अनुसूचित जाति/जनजाति या आदिवासी समुदाय के लोग.
- दिहाड़ी मजदूरी करने वाले लोग.
-गरीबी रेखा के नीचे गुजर-बसर करने वाले लोग.
-कोई भी शारीरिक रूप से अक्षम या दिव्यांग.


किन्हें इस स्कीम में नहीं मिलेगी एंट्री?
-संगठित क्षेत्र में काम करने वाले लोग इस स्कीम का फायदा नहीं ले सकते.
-ऐसे लोग जिनके पास पक्का मकान और गाड़ी है, वो इस स्कीम के दायरे से बाहर हैं.
-ऐसे लोग जिनका प्रोविडेंट फंड कटता है, उन्हें भी इस स्कीम से बाहर रखा गया है.
-ESIC के सदस्य भी इस स्कीम का लाभ नहीं ले सकते.
-सरकारी कर्मचारी आयुष्मान भारत स्कीम के दायरे में नहीं आते हैं.
-इनकम टैक्स देने वाले लोग भी इस स्कीम का लाभ नहीं उठा सकते हैं.
 

सभी बीमारियां होती हैं कवर
आयुष्मान भारत स्कीम में सभी पुरानी बीमारियां भी कवर होती हैं. किसी बीमारी में अस्पताल में एडमिट होने से पहले और बाद के खर्च भी इसमें कवर होते हैं. इसके साथ ही मेडिकल टेस्ट, ऑपरेशन, दवाइयां और यहां तक कि ट्रांसपोर्ट पर होने वाला खर्च भी इसमें शामिल किया जाता है. इस स्कीम के तहत अब तक साढ़े 5 करोड़ से ज्यादा लोग अपना इलाज करा चुके हैं.
 

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