प्रतीकात्मक चित्र
नई दिल्ली:
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आठवीं कक्षा तक के छात्रों को फेल न करने की नीति खत्म करने को बुधवार मंजूरी दे दी. मंत्रिमंडल ने साथ ही देश में विश्व स्तर के 20 संस्थानों के निर्माण की मानव संसाधन विकास मंत्रालय की योजना को भी अपनी मंजूरी दे दी. केंद्रीय सलाहकार बोर्ड से जुड़ी उपसमिति ने सरकार से 8वीं कक्षा तक फेल नहीं करने की नीति की समीक्षा करने की सिफारिश की थी.
इसे लेकर बाल निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा अधिकार संशोधन विधेयक में एक प्रावधान बनाया जाएगा जिससे राज्यों को साल के अंत में होने वाली परीक्षा में अनुत्तीर्ण होने पर छात्रों को पांचवीं और आठवीं कक्षा में रोकने की मंजूरी मिल जाएगी. हालांकि छात्रों को कक्षाओं में रोकने से पहले एक परीक्षा के जरिये सुधार का एक दूसरा मौका दिया जाएगा. विधेयक अब मंजूरी के लिए संसद में पेश किया जाएगा.
पढ़ें : जम्मू कश्मीर: 5वीं से 9वीं और 11वीं कक्षा के छात्रों को अगली क्लास में प्रमोट करने के आदेश
शिक्षा के अधिकार अधिनियम के मौजूदा प्रावधान के तहत छात्र परीक्षा में उत्तीर्ण हुए बिना भी आठवीं कक्षा तक बढ़ते जा सकते हैं. यह एक अप्रैल, 2011 को लागू हुए अधिनियम के महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक है.
VIDEO : खत्म होगी 8वीं तक फेल न करने की नीति?
पिछले हफ्ते केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने जानकारी देते हुए कहा था कि राज्यों के समर्थन से केंद्र जल्द ही पांचवीं और आठवीं कक्षा में छात्रों के परीक्षा में विफल रहने पर उन्हें उसी कक्षा में रोके जाने की व्यवस्था शुरू करेगा. उन्होंने कहा कि संसद में प्रस्तावित विधेयक में, राज्यों को मार्च में पांचवीं और आठवीं के छात्रों की परीक्षा कराने की शक्तियां दी गई हैं, इसमें विफल रहने पर उन्हें (छात्रों को) मई में परीक्षा में शामिल होने का एक आखिरी मौका दिया जाएगा.
(इनपुट भाषा से भी)
इसे लेकर बाल निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा अधिकार संशोधन विधेयक में एक प्रावधान बनाया जाएगा जिससे राज्यों को साल के अंत में होने वाली परीक्षा में अनुत्तीर्ण होने पर छात्रों को पांचवीं और आठवीं कक्षा में रोकने की मंजूरी मिल जाएगी. हालांकि छात्रों को कक्षाओं में रोकने से पहले एक परीक्षा के जरिये सुधार का एक दूसरा मौका दिया जाएगा. विधेयक अब मंजूरी के लिए संसद में पेश किया जाएगा.
पढ़ें : जम्मू कश्मीर: 5वीं से 9वीं और 11वीं कक्षा के छात्रों को अगली क्लास में प्रमोट करने के आदेश
शिक्षा के अधिकार अधिनियम के मौजूदा प्रावधान के तहत छात्र परीक्षा में उत्तीर्ण हुए बिना भी आठवीं कक्षा तक बढ़ते जा सकते हैं. यह एक अप्रैल, 2011 को लागू हुए अधिनियम के महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक है.
VIDEO : खत्म होगी 8वीं तक फेल न करने की नीति?
पिछले हफ्ते केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने जानकारी देते हुए कहा था कि राज्यों के समर्थन से केंद्र जल्द ही पांचवीं और आठवीं कक्षा में छात्रों के परीक्षा में विफल रहने पर उन्हें उसी कक्षा में रोके जाने की व्यवस्था शुरू करेगा. उन्होंने कहा कि संसद में प्रस्तावित विधेयक में, राज्यों को मार्च में पांचवीं और आठवीं के छात्रों की परीक्षा कराने की शक्तियां दी गई हैं, इसमें विफल रहने पर उन्हें (छात्रों को) मई में परीक्षा में शामिल होने का एक आखिरी मौका दिया जाएगा.
(इनपुट भाषा से भी)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं