संपत्ति का हिसाब देने में मंत्रियों की सुस्ती देखने को मिल रही है. अब तक केवल पांच कैबिनेट मंत्रियों ने ही अपनी संपत्ति और देनदारी का ब्यौरा दिया है. बता दें कि हर साल 31 अगस्त तक संपत्तियों का ब्यौरा देना होता है. जिन मंत्रियों ने अपने संपत्तियों का ब्योरा दिया है उनमें निर्मला सीतारमण, थावरचंद गहलोत, एस जयशंकर, प्रकाश जावडेकर और धर्मेंद्र प्रधान के नाम शामिल हैं. जबकि राज्य मंत्रियों में डॉक्टर जीतेन्द्र सिंह, हरदीप सिंह पूरी, मनसुख मंडविया ने अपनी संपत्ति का ब्यौरा प्रधानमंत्री कार्यालय को सौप दिया है.
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पिछले साल की बात करें तो मोदी सरकार के पहले कार्यकाल के अंतिम साल में केवल राजनाथ सिंह को छोड़कर सभी मंत्रियों का ब्यौरा पीएम की वेबसाइट पर उपलब्ध है. राजनाथ सिंह ने अब तक 2016-2017 के लिए ही अपनी संपत्ति का ब्यौरा सार्वजनिक नहीं किया है. कैबिनेट सचिवालय के सर्क्युलर के मुताबिक, हर साल मंत्रियों को अपनी संपत्ति और देनदारी का ब्योरा देना होता है.
केंद्र में जब से नरेंद्र मोदी की सरकार बनी है, तब से पारदर्शिता को सर्वोपरि करने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने सभी मंत्रियों को अपनी संपत्ति का ब्यौरा सार्वजनिक करने की बात कही थी. साल 2014 से ही लगातार केंद्र के सभी मंत्री अपनी संपत्ति का ब्योरा प्रधानमंत्री कार्यालय को भेजते है, जिसको पीएमओ की साइट पर सार्वजनिक किया जाता है.
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मंत्रियों की आचार संहिता के अनुसार, मंत्री बनने के दो महीने के भीतर संपत्ति का ब्यौरा देना होता है और परिवार के सदस्यों की संपत्ति, देनदारी, कारोबार का विवरण भी देना होता है. जिस वित्तीय वर्ष के लिए रिटर्न फाइल हो चुका है उसका विवरण देना होता है.
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